अजमेर.मेयो कॉलेज में दो दिवसीय शब्दों के महोत्सव में शनिवार को फ़िल्म लेखक और गीतकार प्रसून जोशी ने शिरकत की. जोशी ने कहा कि सीखने के लिए जीवन भी कम है. कॉलेज पासआउट करके यह नही समझना चाहिए कि लिखने-पढ़ने से छुट्टी हो गई. सीखना तो जिंदगी भर पड़ेगा. उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लोगों की निर्भरता पर भी तंज कसा और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी लोगों के कंट्रोल में होनी चाहिए ना कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों को कंट्रोल करें. खास तौर पर निर्णय लेने की क्षमता लोगों के अधीन होनी चाहिए ना कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंसी की.
बातचीत में मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी(AI) का हर जगह उपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को एक टूल की तरह होना चाहिए जो इंसान के हाथ में होना चाहिए, ऐसा ना हो कि वह हमारे हाथ से निकल जाए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को निर्णायक नही होना चाहिए. मसलन कोई व्यक्ति दोषी है तो उसका निर्णय कम्प्यूटर लेगा. उन्होंने कहा कि कंप्यूटर निर्णय लेगा कि यह व्यक्ति दोषी है या नहीं है ऐसा पावर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इंसान भावनाओं और इतिहास को समझता है और महसूस करता है. ऐसी चीजें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी में नहीं हो सकती इसलिए इसको केवल टूल समझें. काम करने के लिए मशीन की तरह इसका उपयोग करे और उसको अपने ऊपर हावी नही होने दे. इंसान ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का नियंत्रण करें न कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसान का नियंत्रण करें.