लखनऊ: भारतीय सेना की गोपनीय सूचना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) को भेजने वाले उसके दो एजेंट्स को NIA कोर्ट ने सजा सुनाई है. लखनऊ की विशेष NIA कोर्ट के न्यायधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपी एजेंट रशीद और राजक को दोषी ठहराते हुए 6 वर्ष की सजा सुनाई है.
2018 में पाकिस्तान में रहने वाली मौसी के पास गया था:यूपी ATS ने जनवरी 2020 को वाराणसी से राशिद अहमद को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद राशिद को एटीएस लखनऊ स्थित मुख्यालय ले आई और यहां उससे पूछताछ की गई. इसमें राशिद अहमद ने बताया था कि, वह वाराणसी में बीएचयू के छित्तूपुर में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करता था. वैसे तो वह पोस्टर और बैनर लगाने का काम करता है. बताया कि वर्ष 2018 में वह कराची में रहने वाली अपनी मौसी के यहां गया था. वहीं पर उसका संपर्क आईएसआई एजेंट्स से हुआ. वहां से लौटने के बाद वह वर्ष 2019 से ही देश के महत्वपूर्ण स्थानों और सैन्य ठिकानों की तस्वीरें ISI को भेजने लगा.
राशिद के खरीदे सिम से पाकिस्तान में चल रहा था व्हाट्सएप:एटीएस ने राशिद के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया था. इसके अलावा एटीएस को जानकारी मिली थी कि राशिद ने दो सिम खरीदे थे, जिससे पाकिस्तान में व्हाट्सएप संचालित हो रहे हैं. राशिद ने इन दोनों नंबरों पर व्हाट्सएप शुरू करने के लिए आए ओटीपी को पाकिस्तान में बैठे अपने ISI के आकाओं को भेजा था. जिसके बाद इन दोनों नंबरों का जासूसी के लिए इस्तेमाल हो रहा था.