गोरखपुर : भारतीय वायुसेना के एयरपोर्ट से देश के विभिन्न शहरों को गोरखपुर से उड़ान भर रहे विमान आने वाले एक से डेढ़ वर्ष में गोरखपुर सिविल एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे. मौजूदा समय में रक्षा मंत्रालय की जिस जमीन पर यह एयरपोर्ट संचालित हो रहा है, उसी एरिया की 42 एकड़ से अधिक भूमि को रक्षा मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को एयरपोर्ट बनाने के लिए देने की स्वीकृति दी है. साथ ही इस पर 1172 करोड़ रुपये निर्माण पर खर्च भी होंगे. इसका भी आंकलन कर लिया गया है. बहुत जल्द राज्य सरकार और भारतीय विमान प्राधिकरण के बीच इस जमीन को लेकर एमओयू साइन होगा.
बताया जा रहा है कि नए एयरपोर्ट की ड्राइंग डिजाइन को अध्यक्ष भारतीय विमान प्राधिकरण ने स्वीकृत प्रदान कर दी है. जिसके अनुकूल कार्य करने के लिए संस्था भी नामित हो गई है जो तीन माह के अंदर अपनी पूरी भौतिक रिपोर्ट प्राधिकरण को उपलब्ध कराएगी. जिसके आधार पर संभावना जताई जा रही है कि वर्ष 2024 के अंत तक या 2025 के शुरुआती महीने में इसका कभी भी शिलान्यास हो सकता है. इस एयरपोर्ट से प्रतिवर्ष 5.3 मिलियन यात्रियों के आवागमन का भी भारतीय विमान प्राधिकरण ने अनुमान लगा जा रहा है. एयरपोर्ट को इसी क्षमता से तैयार किया जाना है. जहां कुल 9 विमान एप्रन होंगे.
गोरखपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर रजनीश कुमार पाराशर ने बताया है कि निर्मित होने वाले एयरपोर्ट पर प्रति घंटे ढाई हजार यात्रियों के आवागमन का लक्ष्य है. इसके टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण 50 हजार वर्ग मीटर(लगभग 13 एकड़) में होगा और एप्रन पर एयरबस-321 की पार्किंग हो सकेगी. वहीं एयरपोर्ट पर कुल 1200 कारों की क्षमता का कार पार्किंग भी बनाया जाएगा. इसके लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस हेतु बैठक 6 सितंबर को पूरी हो चुकी है. डीजीसीए के कुछ अधिकारियों का स्थलीय निरीक्षण भी हो चुका है.
बस जमीन का राज्य सरकार के साथ अधिग्रहण होने और MOU के साथ इसके निर्माण की संभावना काफी करीब हो जाएगी. अभी एयरफोर्स के जिस एयरपोर्ट से विमानों का उड़ान हो रहा है और यात्रियों का आवागमन है, उसमें करीब ढाई हजार यात्री प्रतिदिन यात्रा कर रहे हैं. जब नए क्षमता और डिजाइन के अनुकूल एयरपोर्ट बनेगा तो देश के विभिन्न शहरों की कनेक्टिविटी भी यहां से बढ़ेगी. संभावना यह भी है कि नेपाल के लिए भी यहां से विमान उड़ सकेंगे.
रोजाना 7 विमान अभी भरते हैं यहां से उड़ान : गोरखपुर एयरपोर्ट से अभी विभिन्न शहरों के लिए कुल सात उड़ानें होती हैं. इसमें दिल्ली के लिए जहां चार उड़ाने हैं तो वहीं, मुंबई, बेंगलूर और हैदराबाद, कोलकता के लिए एक-एक उड़ान होती है. इसमें अकासा, इंडिगो और एलायंस एयरलाइंस के विमान उड़ान भरते हैं. एयरपोर्ट निदेशक ने कहा है कि अकासा ने मुंबई के लिए भी विंटर सेशन में एक फ्लाइट की डिमांड की है जिस पर विचार किया जा रहा है.
शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा : एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रस्ताव में 320 टाइप के विमान के संचालन के लिए नया सिविल एनक्लेव, बेसमेंट और एयरपोर्ट को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए सिक्स लेन की सड़क बनेगी. इस नए एयरपोर्ट की गोरखपुर रेलवे और बस स्टेशन से दूरी भी पहले की अपेक्षा 800 मीटर कम हो जाएगी. जिसके बाद मात्र 20 मिनट में इन स्थानों से एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा. नया एयरपोर्ट टर्मिनल भवन बनने के बाद यात्री यहां तक अपनी कर से खुद जा सकेंगे. जिसकी वजह से परिसर और बाहर सड़क पर भी जाम नहीं लगेगा. इसका विस्तार कुल तीन तरफ से किया जाएगा. जिसमें 1500-1500 यात्री एक बार में आ-जा सकेंगे. एयरफोर्स के मौजूदा एयरपोर्ट पर अभी एक बड़ा और एक छोटा विमान ही एप्रन पर रोका जा सकता है, लेकिन नया एयरपोर्ट 9 विमानों के ठहराव के लिए उपयुक्त होगा.
29 अक्टूबर से विंटर शेड्यूल के हिसाब से उड़ान भरेंगे विमान : इस तैयारी के बीच गोरखपुर एयरपोर्ट का नया विंटर शेड्यूल भी जारी हो गया है. इसके हिसाब से 29 अक्टूबर से विमान गोरखपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे. जिसमें सुबह शाम अब उड़ान नहीं होगी, क्योंकि इसमें विजिबिलिटी कम होती है. गर्मी के दिनों में उड़ान सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक हो जाती थी जो विंटर में रुकेगी.