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आगरा पैथोलॉजी जांच में खेल; खांसी के मरीज को बता दिया कैंसर, दो डॉक्टरों के खिलाफ केस

गलत रिपोर्ट के कारण पीड़ित ने झेली मानसिक और शारीरिक पीड़ा, पुलिस करेगी जांच

आगरा पैथोलॉजी जांच में खेल
आगरा पैथोलॉजी जांच में खेल (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

आगरा: खांसी के मरीज को लंबे समय तक डर और चिंता में माहौल में इसलिए जीना पड़ा क्योंकि पैथालॉजी रिपोर्ट में कैंसर की बीमारी बता दी गई. इसके बाद एक से दूसरे डॉक्टर का चक्कर लगना शुरू हो गया. पैसे भी खूब खर्च हुए और परिवार में परेशानी हुई सो अलग. हालांकि बाद में रिपोर्ट गलत निकली और पाया गया कि जिसे कैंसर का मरीज बताया गया, उसे यह खतरनाक बीमारी नहीं है. पीड़ित ने कई डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत की, लेकिन जांच में दो को छोड़कर सभी को क्लीन चिट मिल गई. हरीपर्वत थाना पुलिस केस दर्ज कर पड़तला कर रही है.

आगरा पैथोलॉजी जांच में खेल. (Video Credit; ETV Bharat)

पीड़ित किसान राजकुमार का कहना है कि पैथोलॉजिस्ट डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल ने पैथोलॉजी जांच में खेल किया. रुपए ऐंठने के लिए खांसी की बीमारी में कैंसर की रिपोर्ट दी. जिसकी वजह से उसने कई महीने तक कैंसर रोगी की तरह मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पीड़ा झेली. किरावली थाना क्षेत्र के गांव कुकथला निवासी किसान राजकुमार ने बताया कि 17 जनवरी 2023 को खांसी होने पर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. टीपी सिंह को दिखाया था. उनकी दवा से सेहत में सुधार नहीं हुआ और खून की उल्टी हुई तो डॉ. टीपी सिंह ने डॉ. मुकेश शर्मा के पास फेफड़ों की बायोप्सी के लिए भेज दिया. उसने डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल के स्लाइड अग्रवाल क्रिटिकल केयर सेंटर से जांच कराई. जिसमें जांच रिपोर्ट में फेफड़ों में कैंसर बताया गया.

राजकुमार ने बताया कि कैंसर रिपोर्ट आने पर वह दहशत में आ गया. चिकित्सक ने कहा कि बहुत कम दिन ही बचे हैं. जब परिजनों को ये जानकारी दी तो सभी घबरा गए. चिकित्सक की सलाह पर डॉ. संदीप अग्रवाल से स्कैन कराया. 11 फरवरी 2023 को रिपोर्ट दिखाने पर डॉ. मुकेश शर्मा ने ऑपरेशन की सलाह दी. इलाज में सात-आठ लाख रुपये का खर्च बताया. 13 फरवरी को मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल गया. 23 फरवरी तक जांच की गईं. जिसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आईं. वहां डॉक्टर ने कैंसर से इनकार कर दिया. इसके बाद मैंने संतुष्टि के लिए मेदांता हॉस्पिटल नोएडा में भी जांच कराई. यहां भी चिकित्सक ने किसी भी तरह के कैंसर से इनकार कर दिया.

किसान राजकुमार की शिकायत पर सीएमओ ने जांच कराई. जिसमें सभी चिकित्सकों को क्लीनचिट दे दी. आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत पर एक कमेटी गठित करके जांच कराई थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर आगे कार्रवाई नहीं की गई थी. हरीपर्वत थाना के प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित किसान राजकुमार की शिकायत पर पैथोलॉजिस्ट डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़ित ने अन्य डॉक्टरों पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाएं हैं. जबकि, सीएमओ की जांच रिपोर्ट में सभी को क्लीनचिट की दी गई है. फिर भी जांच के दौरान अन्य चिकित्सकों से भी पूछताछ की जाएगी.

यह भी पढ़ें : आगरा एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी; CISF के जवान ने दर्ज कराई FIR, जांच में जुटी पुलिस और साइबर सेल

आगरा: खांसी के मरीज को लंबे समय तक डर और चिंता में माहौल में इसलिए जीना पड़ा क्योंकि पैथालॉजी रिपोर्ट में कैंसर की बीमारी बता दी गई. इसके बाद एक से दूसरे डॉक्टर का चक्कर लगना शुरू हो गया. पैसे भी खूब खर्च हुए और परिवार में परेशानी हुई सो अलग. हालांकि बाद में रिपोर्ट गलत निकली और पाया गया कि जिसे कैंसर का मरीज बताया गया, उसे यह खतरनाक बीमारी नहीं है. पीड़ित ने कई डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत की, लेकिन जांच में दो को छोड़कर सभी को क्लीन चिट मिल गई. हरीपर्वत थाना पुलिस केस दर्ज कर पड़तला कर रही है.

आगरा पैथोलॉजी जांच में खेल. (Video Credit; ETV Bharat)

पीड़ित किसान राजकुमार का कहना है कि पैथोलॉजिस्ट डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल ने पैथोलॉजी जांच में खेल किया. रुपए ऐंठने के लिए खांसी की बीमारी में कैंसर की रिपोर्ट दी. जिसकी वजह से उसने कई महीने तक कैंसर रोगी की तरह मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पीड़ा झेली. किरावली थाना क्षेत्र के गांव कुकथला निवासी किसान राजकुमार ने बताया कि 17 जनवरी 2023 को खांसी होने पर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. टीपी सिंह को दिखाया था. उनकी दवा से सेहत में सुधार नहीं हुआ और खून की उल्टी हुई तो डॉ. टीपी सिंह ने डॉ. मुकेश शर्मा के पास फेफड़ों की बायोप्सी के लिए भेज दिया. उसने डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल के स्लाइड अग्रवाल क्रिटिकल केयर सेंटर से जांच कराई. जिसमें जांच रिपोर्ट में फेफड़ों में कैंसर बताया गया.

राजकुमार ने बताया कि कैंसर रिपोर्ट आने पर वह दहशत में आ गया. चिकित्सक ने कहा कि बहुत कम दिन ही बचे हैं. जब परिजनों को ये जानकारी दी तो सभी घबरा गए. चिकित्सक की सलाह पर डॉ. संदीप अग्रवाल से स्कैन कराया. 11 फरवरी 2023 को रिपोर्ट दिखाने पर डॉ. मुकेश शर्मा ने ऑपरेशन की सलाह दी. इलाज में सात-आठ लाख रुपये का खर्च बताया. 13 फरवरी को मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल गया. 23 फरवरी तक जांच की गईं. जिसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आईं. वहां डॉक्टर ने कैंसर से इनकार कर दिया. इसके बाद मैंने संतुष्टि के लिए मेदांता हॉस्पिटल नोएडा में भी जांच कराई. यहां भी चिकित्सक ने किसी भी तरह के कैंसर से इनकार कर दिया.

किसान राजकुमार की शिकायत पर सीएमओ ने जांच कराई. जिसमें सभी चिकित्सकों को क्लीनचिट दे दी. आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत पर एक कमेटी गठित करके जांच कराई थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर आगे कार्रवाई नहीं की गई थी. हरीपर्वत थाना के प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित किसान राजकुमार की शिकायत पर पैथोलॉजिस्ट डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़ित ने अन्य डॉक्टरों पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाएं हैं. जबकि, सीएमओ की जांच रिपोर्ट में सभी को क्लीनचिट की दी गई है. फिर भी जांच के दौरान अन्य चिकित्सकों से भी पूछताछ की जाएगी.

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