श्रावस्ती: जिला कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है, जिसने 6 साल के बच्चे के साथ घिनौनी करतूत की थी. भिनगा क्षेत्र के एक गांव चार साल पहले बच्चे के साथ साथ अप्रकृतिक दुष्कर्म करने के आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो निर्दोष कुमार ने गुरुवार को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि भिनगा क्षेत्र के एक गांव की एक महिला ने 20 दिसंबर 2020 को थाना कोतवाली भिनगा में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया था कि उसका 6 वर्षीय बेटे के साथ भिनगा क्षेत्र के एक गांव निवासी संदीप यादव ने अप्राकृतिक दुष्कर्म किया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद संदीप के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था. कोर्ट ने गुरुवार को गवाहों और सबूतों के आधार पर संदीप यादव को दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगााय है. अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को दो माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
नाबालिग से रेप के दोषी को 14 साल की सजा, रात में अपने कमरे में उठा ले गया था
फिरोजाबादः कोर्ट ने किशोरी से रेप करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 14 साल की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना नारखी के क्षेत्र की एक किशोरी 4 मई 2019 की रात अपने घर के बरामदे में सो रही थी. समीप में ही उसकी मां भी सो रही थी. देर रात अजय उर्फ जय पुत्र सोनेलाल उसके घर पर आया. किशोरी को बहला फुसला कर अपने कमरे में ले गया. इस दौरान किशोरी की मां जग गई. बेटी को चारपाई पर ना देख वह दंग रह गई. बेटी की तलाश की तो पड़ोस के लोगों ने बताया अजय के साथ देखा है. किशोरी की मां अजय के कमरे पर पहुंची तो वह उसकी बेटी के साथ रेप कर रहा था. मां ने चीख पुकार की तो मोहल्ले के लोग एकत्रित हो गए. लोगों ने अजय को पकड़ लिया और चौकी ब्रह्मदेव ले जाकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया. किशोरी की मां ने अजय के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना की. पीड़ता,उसकी मां के बयान दर्ज किए. पीड़िता का डॉक्टरी परीक्षण कराया और आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया. मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम अवधेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य भी न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए.गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अजय को दोषी माना. न्यायालय ने अजय को 14 वर्ष कारावास और 40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
इसे भी पढ़ें-लव जिहाद दोषी को 10 साल की सजा; हिंदू बनकर युवती को फंसाया और 3 साल तक किया शोषण