नई दिल्ली: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के द्वारा युवाओं की ऑनलाइन भर्ती की जा रही है. इसका खुलासा असम के ग्वालपाड़ा जिले से जैश-ए-मोहम्मद के एक सदस्य की हाल ही में हुई गिरफ्तारी से पता चला है. उसने बताया कि आतंकवादी संगठन साइबरस्पेस की मदद से भर्ती प्रक्रिया चला रहे हैं.
इस बारे में एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी के विकास और प्रगति के कारण आतंकवादी संगठनों को अपने लोगों को भारत भेजने की जरूरत नहीं है, बल्कि वे हजारों मील दूर बैठकर युवाओं को अपने साथ शामिल कर सकते हैं." वास्तव में, जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य शेख सुल्तान सलाहुद्दीन अयूबी को एनआईए की टीम ने असम के ग्वालपाड़ा जिले से गिरफ्तार किया था. इसे भी ऑनलाइन ही आतंकी संगठन में शामिल किया गया था. अधिकारी ने कहा, "उसे (अयूबी को) साइबरस्पेस के ज़रिए जैश-ए-मोहम्मद में शामिल किया गया था और वह दूसरों को संगठन में शामिल करने के लिए कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहा था.
अयूबी को पुख्ता तकनीकी इनपुट के आधार पर गिरफ़्तार किया गया." अधिकारी के अनुसार, फिलहाल जैश-ए-मोहम्मद राज्य में निकट भविष्य में हिंसक गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश नहीं कर रहा है, "लेकिन संगठन का मुख्य उद्देश्य नए सदस्यों को शामिल करके राज्य में अपना आधार बनाना है." बता दें कि इससे पहले जमात-उल-मुजाहिदीन-बांग्लादेश (JMB) और अंसार बांग्ला टीम (ABT) जैसे आतंकवादी संगठन, जो अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप का एक हिस्सा हैं.
इन संगठनों ने भी असम में अपना आधार बनाने की कोशिश की थी. अधिकारी ने कहा, "राज्य की भौगोलिक स्थिति हमेशा आतंकवादी संगठनों को असम में अपना आधार बनाने के लिए आकर्षित करती है." हाल के दिनों तक जैश-ए-मोहम्मद हमेशा जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाता रहा है. लेकिन असम से जैश-ए-मोहम्मद के एक सदस्य की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. अधिकारी ने कहा, "आतंकवादी संगठन निश्चित रूप से भोले-भाले युवाओं को अपने पाले में लाने के लिए सामाजिक और आर्थिक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे.
इसके अलावा वे नवीनतम संचार तकनीक की मदद से वे युवाओं की संगठन में ऑनलाइन भर्ती करने का भी प्रयास करेंगे." असम पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी कई लोगों को गिरफ्तार करके आतंकवादी संगठनों के कई प्रयासों को विफल किया है. जेएमबी और एबीटी ने असम में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश की हैं, क्योंकि बांग्लादेश में उनका मजबूत आधार है. अधिकारी ने कहा, "लेकिन जैश-ए-मोहम्मद का बांग्लादेश में कोई मजबूत आधार नहीं है और अगर यह संगठन असम में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है तो यह बड़ी चिंता का विषय है."
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