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भारत-चीन गश्त समझौते का उचित क्रियान्वयन होने पर दोनों देशों को लाभ होगा: सीएम खांडू

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

दिरांग: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन गश्ती समझौते को यदि जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू किया जाए तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा. कामेंग संस्कृति एवं विरासत संग्रहालय के उद्घाटन के अवसर पर मीडिया से बातचीत में खांडू ने कहा, "भारत और चीन दोनों देश आर्थिक रूप से तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं और भविष्य में साथ-साथ बढ़ने के लिए शांति ही एकमात्र समाधान है."

उन्होंने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद की. यह दोनों नेताओं के बीच पांच साल बाद पहली बैठक थी. वहीं विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों नेताओं ने इस बात पर गौर किया कि भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों को इस मुद्दे के समाधान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.

इस बीच, संग्रहालय की एक सांस्कृतिक पहचान है और 1962 के भारत-चीन युद्ध की कुछ घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है. खांडू ने कहा कि कामेंग संग्रहालय, मॉडल गांवों, सीमा पर्यटन, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और सरकार के ‘जीवंत गांव कार्यक्रम’ के साथ तालमेल बिठाने जैसी पहलों के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों को बदलने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है.

ये भी पढ़ें- LAC के मुद्दे पर भारत-चीन में बन गई बात! सीमा से सैनिकों की होगी वापसी

दिरांग: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन गश्ती समझौते को यदि जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू किया जाए तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा. कामेंग संस्कृति एवं विरासत संग्रहालय के उद्घाटन के अवसर पर मीडिया से बातचीत में खांडू ने कहा, "भारत और चीन दोनों देश आर्थिक रूप से तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं और भविष्य में साथ-साथ बढ़ने के लिए शांति ही एकमात्र समाधान है."

उन्होंने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद की. यह दोनों नेताओं के बीच पांच साल बाद पहली बैठक थी. वहीं विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों नेताओं ने इस बात पर गौर किया कि भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों को इस मुद्दे के समाधान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.

इस बीच, संग्रहालय की एक सांस्कृतिक पहचान है और 1962 के भारत-चीन युद्ध की कुछ घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है. खांडू ने कहा कि कामेंग संग्रहालय, मॉडल गांवों, सीमा पर्यटन, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और सरकार के ‘जीवंत गांव कार्यक्रम’ के साथ तालमेल बिठाने जैसी पहलों के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों को बदलने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है.

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