कानपुर: जिले में फर्जीवाड़ा कर जालसाजों ने 9 लोगों की इंटर कॉलेज में नौकरी लगवा दी थी. इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से कर्नलगंज थाने में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. डीसीपी सेंट्रल आर एस गौतम ने बताया कि इस मामले की जांच कर्नलगंज पुलिस, सर्विलांस टीम और एसआईटी की टीम के द्वारा की जा रही थी. एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार बाबू के नेतृत्व में रविवार को इस मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि इसके पहले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
जालसाजों ने ऐसे किया था फर्जीवाड़ा
डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने रविवार को बताया कि कुछ लोगों के द्वारा फर्जी ई-मेल आईडी तैयार की गई थी. सर्विलांस टीम के माध्यम से जब फर्जी ईमेल आईडी को ट्रेस किया गया तो पता चला कि यह ईमेल आईडी विवेक द्विवेदी व शिवम कुमार विश्वकर्मा के द्वारा लालजी सिंह के कहने पर तैयार की गई थी. लालजी सिंह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चतुर्थ श्रेणी से सेवानिवृत्त हैं. फर्जी ईमेल आईडी तैयार करने और अभ्यर्थियों के पैनल का पीडीएफ लिस्ट जिला विद्यालय निरीक्षक कानपुर नगर की आधिकारिक ईमेल आईडी पर भेजने के लिए शिवम कुमार विश्वकर्मा और विवेक द्विवेदी को 2 लाख रुपए दिए गए थे. उन्होंने बताया कि जब पुलिस द्वारा प्राप्त सभी साक्ष्यों का संकलन किया गया तो काशी प्रसाद जायसवाल जूनियर हाई स्कूल मिर्जापुर के प्रबंधक दिनेश पांडे व के.वी.पी.जी डिग्री कॉलेज मिर्जापुर के लैब टेक्निशियन अभिनव त्रिपाठी की भूमिका फर्जी शिक्षक भर्ती चयन पैनल में नजर आई. इसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना और प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.