बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सांप के तो पंख नहीं होते, फिर 'तक्षक' नाग हवा में कैसे उड़ लेते हैं? एक्सपर्ट से जानिए - Takshak Snake

TRUTH OF TAKSHAK SNAKE: हाल में बिहार के बगहा में एक सांप मिला. ऐसा दावा किया गया कि यह सांप उड़ता है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने विशेषज्ञों से बात की. बातचीत में उन्होंने सांप के उड़ने की सच्चाई के बारे में बताया. हम बात कर रहे हैं तक्षक सांप की, जो काफी सुंदर और आकर्षित होता है. इस सांप से पौराणिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. आइए जानते हैं कि इस सांप में खास क्या है?

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 1, 2024, 2:08 PM IST

Updated : Jul 1, 2024, 8:43 PM IST

तक्षक नाग से जुड़ा रहस्य
तक्षक नाग से जुड़ा रहस्य (Etv Bharat)

वन्य जीव विशेषज्ञों की राय (ETV Bharat)

पटनाःअक्सर उड़ने वाला सांप की चर्चा सुनने को मिलती है. हाल में बिहार के बगहा में तक्षक सांप देखा गया. दावा किया गया कि यह सांप रेंगने के बजाय उड़ता है. ऐसे में हर कोई हैरान है कि क्या कोई सांप उड़ सकता है? इसको लेकर ईटीवी भारत ने विशेषज्ञों से बातचीच की. बातचीत में विशेषज्ञों ने सांप की खूबियां के बारे में भी बताया. साथ ही यह भी जानकारी दी कि इससे पौराणिक महत्व भी जुड़ा हुआ है जो महाभारत काल का बताया जाता है.

क्या है उड़ने की सच्चाई? दरअसल, हम बात कर रहे हैं फ्लाइंग स्नेक या ग्लाइडिंग स्नेक के बारे में. अब तक हम यही सुनते और समझते आ रहे हैं की बिना पंखों के उड़ने वाला सांप होता है. लेकिन विशेषज्ञ ने बताया कि तक्षक नाग उड़ता नहीं है बल्कि यह हवा में तैरता यानी ग्लाइड करता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह एक डाल से दूसरे डाल पर छलांग लगाता है ना कि उड़कर पहुंचता है. उन्होंने यह भी बताया कि ऊपर से नीचे की ओर छलांग लगाता है ना कि नीचे से ऊपर की ओर लगाता है.

तक्षक नाग से जुड़ा रहस्य (ETV Bharat)

'उड़ता नहीं तैरता है सांप': न्यूज एनवायरनमेंट एंड वाइल्ड लाइफ सोसायटी (NEWS) संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने इसके बारे में खास जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तक्षक नाग को कई नाम से जाना जाता है. इसे आर्नेट फ्लाइंग स्नेक, टक्का नाग, क्राइसोपेलिया अर्नेटा या ग्लाइडिंग स्नेक कहा जाता है. उन्होंने बताया कि यह सांप उड़ता नहीं बल्कि ग्लाइड करता है. ग्लाइड का मतलब हवा में तैरना होता है.

"सांप अपने शरीर को S आकार का बना लेता है और स्प्रिंग की तरह जंप करता है. इसमें गुरुत्वाकर्षण बल की भूमिका होती है. इस सांप को नीचे से ऊपर की तरफ उड़ते हुए नहीं देखा जा सकता. यह जब भी ग्लाइड करता है तो बड़े पेड़ की डालियों से नीचे की तरफ आता है. यहीं वजह है की अमूमन ये 12 से 15 फीट लंबे पेड़ों पर रहते हैं."-अभिषेक, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनईडब्लूएस

'तक्षक सांप उड़ता नहीं है': वाल्मीकि वसुधा के प्रमुख और पूर्व रेंजर स्वर्गीय बीडी. सिन्हा के पुत्र वीडी संजू ने बताया कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में विभिन्न प्रकार के सांप आए दिन निकलते हैं. उन्होंने अपने अनुभव के बारे में भी बताया. कहा कि उनका बचपन वाल्मीकीनगर में गुजरा है. लिहाजा पिताजी से वन्य जीवों की विशेषताओं के बारे में ढ़ेर सारी जानकारियां मिलती रही हैं. उन्होंने भी इस सांप के बारे में खास जानकारी दी. उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की है कि तक्षक सांप उड़ता नहीं है.

तक्षक नाग से जुड़ा रहस्य (ETV Bharat)

"यह अमूमन यह 3 से 4 फीट तक का पतला सांप होता है जो ऊंचे पेड़ों पर रहता है. यह पेड़ की एक डाली से दूसरी डाली पर जंप करता है. इसके लिए वह अपने शरीर को एक विशेष आकार में ढाल लेता है. ऊपर से नीचे की तरफ तैरता है."-वीडी संजू, वन्य जीव विशेषज्ञ

उड़ने वाले सांपों का रहस्य, क्या कहता है जर्नल?:जर्नल ऑफ़ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी के मुताबिक, सांप उड़ने वाला जीव नहीं है, यह उड़ नहीं सकता है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, जब सांप लहराता है तो इस दौरान सांपों के शरीर में बदलाव है, यानि सांप ऐरोडायनेमिक बल (वायुगतिकी) उत्पन्न करता है. जो विमान के पंखों की तरह होता है. ऐसे में शारीरिक बदलाव के कारण यह उड़ान भरने में कामयाब होता है.

नागों का राजाः वीडी संजू ने बताया कि यह सांप देखने में सुदर होता है. इसके शरीर पर चंदन जैसा धब्बा होता है. इस सांप के कई पौराणिक महत्व भी हैं. कई कथाएं प्रचलित हैं. उन्होंने बताया कि इसका इतिहास महाभारत के काल से जुड़ा है. उन्होंने बताया कि इसी सांप ने राजा परीक्षित को डसा था जिस कारण उनकी मृत्यु हुई थी. ऐसा माना जाता है कि यह सांप नागों का राजा है.

तक्षक नाग कौन है?, पौराणिक कथाओं में चर्चा:पौराणिक कथाओं के अनुसार, पाताल लोग में आठ नाग थे, जिनमें तक्षक नाम का एक सांप था. तक्षक कश्यप का पुत्र था, और उसी ने राजा परीक्षित को डसा था. इसी वजह से राजा के बेटे जनमेजय तक्षक पर आगबबूला हुए थे, इतना ही नहीं राजा जनमेजय ने तो सांपों को संसार से नष्ट करने के लिए एक यज्ञ भी किया था. जिसके बाद तक्षक डरकर भगवान इंद्र के शरण में पहुंचा.

ऐसे बची तक्षक की जान:इधर जब यज्ञ शुरू हुआ तो ऋषि मुनियों के मंत्र से तक्षक के साथ इंद्र भी अग्निकुंड की ओर खिंचने लगे. तब इंद्र ने तक्षक को छोड़ दिया. अग्निकुंड के पास पहुंचते ही तक्षक ने राजा जनमेजय से गुहार लगाई. और इस तरह जनमेजय ने तक्षक को छोड़ दिया. तब से इन सांपों की प्रजाति का नाम तक्षक पड़ गया.

तक्ष के दो बड़े भाई औरः कथाओं के अनुसार कश्यप और कद्रु के पुत्र में सबसे बड़ा शेषनाग, दूसरे स्थान वासुकी और तीसरे स्थान पर तक्षक को बताया गया है. शेषनाग भगवान विष्णु की शरण में गया तो उसने वासुकी का राजतिलक करवाया और नागलोक सौंप दिया. कई साल के बाद वासुकी भगवान शिव की सेवा में चला गया और तक्षक को नागलोग का राजा बना दिया गया. ऐसा माना जाता है कि तक्षक नागों का राजा है.

'तक्षक नाम की जाति भी थी': विद्धानों का मानना है कि भारत में तक्षक नाम की जाति के लोग भी रहते थे. विशेषज्ञों के अनुसार ये लोग खुद को तक्षक नाग का संतान बताते थे. ऐसा माना जा रहा है कि ये लोग संभवतः शक, तिब्बत, मंगोलिया और चीन के रहने वाले होंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत के युद्ध के उपरान्त तक्षक का अधिकार बढ़ने लगा. इसके बाद उत्तर-पश्चिम भारत में बहुत दिनों तक इनका राज रहा.

यह भी पढ़ेंःOMG! बहुत खतरनाक है ये सांप, हवा में उड़कर करता है शिकार, बिहार के इस जिले से आईं तस्वीरें - Bagaha Snake Rescue

Last Updated : Jul 1, 2024, 8:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details