पाकुड़: राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र का लगातार प्रतिनिधित्व करने वाले आलमगीर आलम भले ही ईडी की कार्रवाई के बाद जेल में हो, लेकिन पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने उन पर अपना भरोसा बरकरार रखा है. जनता ने आलमगीर की पत्नी और पाकुड़ की इंडिया गठबंधन समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी निशात आलम के पक्ष में मतदान कर भारी मतों से जीत दिलायी है.
निशात को बड़े अंतर से मिली जीत ने राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा को भी बल देने का काम किया है कि अपने समर्थकों और क्षेत्र के लोगों के बीच आलमगीर आलम की पकड़ आज भी वैसी ही है, जैसे जेल में जाने के पूर्व थी.
कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बदौलत निशात आलम को मिली भारी जीत के बाद इस बात की भी चर्चा है कि कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता निशात के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचा, लेकिन जनता ने आलमगीर आलम की लोकप्रियता के आधार पर निशात को जीत दिलाई.
वहीं राजनीति के कई जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के कई नेता भले ही आलमगीर और उनके परिवार से प्रतिकूल परिस्थिति में दूरी बना लिए हो, लेकिन समर्थकों और क्षेत्र के मतदाताओं के बीच आज भी आलमगीर आलम और उनके परिवार की वही पहचान बरकरार है जो पहले हुआ करती थी.
पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने निशात आलम को 1 लाख 54 हजार 22 वोट से जीत दिलाकर अपने ही निवर्तमान विधायक आलमगीर आलम के रिकॉर्ड को तोड़ने का काम किया है. पाकुड़ सीट पर कांग्रेस की निशात आलम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी ऑल झारखंड स्टूडेंट पार्टी के अजहर इस्लाम को 85 हजार 103 मतों से पराजित किया.