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आखिर क्यों खुले में स्नान करने को मजबूर हैं इस स्कूल की छात्राएं! जानें, कहां का है मामला - IRREGULARITIES AT SCHOOL

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है लेकिन लोहरदगा के आवासीय विद्यालय की छात्राओं को पढ़ाई से ज्यादा इस बात की चिंता सताती है.

Know why Residential school girls bath in river at Lohardaga
झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय भवन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 4, 2025, 9:21 PM IST

लोहरदगा: माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल इस वजह से भेजते हैं कि वहां पर उसे पढ़ाई के लिए एक सुरक्षित माहौल मिलता है. विशेष तौर पर बात जब आवासीय विद्यालय की हो रही हो तब विद्यार्थियों की सुरक्षा सबसे अधिक मायने रखती है.

लोहरदगा में एक स्कूल के छात्राओं की मजबूरी ऐसी है कि उन्हें नदी में नहाना पड़ रहा है. यह मामला बेहद गंभीर है. लड़कियों की सुरक्षा के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ किया जा रहा है. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आवासीय विद्यालय में अगर इस प्रकार की स्थिति है तो फिर सरकारी व्यवस्था को लेकर सवाल जरूर उठता है.

कैरो झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय का हाल बेहाल

लोहरदगा जिला के कैरो प्रखंड में झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय संचालित है. इस विद्यालय में 350 छात्राएं अध्यनरत हैं. पहले इस स्कूल का संचालन कुडू प्रखंड में किया जाता था. साल 2024 में स्कूल को कैरो प्रखंड में संचालित किया जा रहा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि स्कूल में पानी की गंभीर समस्या है. स्कूल में जो बोरिंग कराया गया है, वह फेल है. उसे इतना पानी नहीं निकल पाता की पीने के पानी के अलावा किसी और काम के लिए पानी का उपयोग किया जा सके. गर्मी में तो बिल्कुल भी पानी नहीं मिलता.

साल 2024 के गर्मी में पानी की समस्या की वजह से स्कूल में छुट्टी कर दी गयी थी. वर्तमान समय में हालात ऐसे हैं की छात्राओं को स्कूल के समीप स्थित एक कुआं से मोटर के सहारे स्कूल के लिए पानी लाना पड़ता है. नहाने के लिए छात्राओं को स्कूल से नदी में जाना पड़ता है. यह एक-दो छात्राओं के साथ ऐसी स्थिति नहीं है बल्कि स्कूल की सभी छात्राओं को नदी जाकर नहाना पड़ रहा है. यह छात्राओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है.

इस संबंध में स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार समस्या को लेकर विभाग को पत्राचार किया गया है. इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम आइलीन टोप्पो से जब फोन पर बात की गई तो उनका का कहना है कि उन्होंने कई बार समस्या को लेकर विभाग को पत्राचार किया है, अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ है. वहीं विद्यालय की वार्डेन सीमा कुमारी का कहना है कि नदी में नहाना छात्राओं की मजबूरी है. विभाग को समस्या को लेकर पत्राचार किया गया है.

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लोहरदगा में एक स्कूल के छात्राओं की मजबूरी ऐसी है कि उन्हें नदी में नहाना पड़ रहा है. यह मामला बेहद गंभीर है. लड़कियों की सुरक्षा के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ किया जा रहा है. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आवासीय विद्यालय में अगर इस प्रकार की स्थिति है तो फिर सरकारी व्यवस्था को लेकर सवाल जरूर उठता है.

कैरो झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय का हाल बेहाल

लोहरदगा जिला के कैरो प्रखंड में झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय संचालित है. इस विद्यालय में 350 छात्राएं अध्यनरत हैं. पहले इस स्कूल का संचालन कुडू प्रखंड में किया जाता था. साल 2024 में स्कूल को कैरो प्रखंड में संचालित किया जा रहा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि स्कूल में पानी की गंभीर समस्या है. स्कूल में जो बोरिंग कराया गया है, वह फेल है. उसे इतना पानी नहीं निकल पाता की पीने के पानी के अलावा किसी और काम के लिए पानी का उपयोग किया जा सके. गर्मी में तो बिल्कुल भी पानी नहीं मिलता.

साल 2024 के गर्मी में पानी की समस्या की वजह से स्कूल में छुट्टी कर दी गयी थी. वर्तमान समय में हालात ऐसे हैं की छात्राओं को स्कूल के समीप स्थित एक कुआं से मोटर के सहारे स्कूल के लिए पानी लाना पड़ता है. नहाने के लिए छात्राओं को स्कूल से नदी में जाना पड़ता है. यह एक-दो छात्राओं के साथ ऐसी स्थिति नहीं है बल्कि स्कूल की सभी छात्राओं को नदी जाकर नहाना पड़ रहा है. यह छात्राओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है.

इस संबंध में स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार समस्या को लेकर विभाग को पत्राचार किया गया है. इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम आइलीन टोप्पो से जब फोन पर बात की गई तो उनका का कहना है कि उन्होंने कई बार समस्या को लेकर विभाग को पत्राचार किया है, अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ है. वहीं विद्यालय की वार्डेन सीमा कुमारी का कहना है कि नदी में नहाना छात्राओं की मजबूरी है. विभाग को समस्या को लेकर पत्राचार किया गया है.

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