गिरिडीह :गर्मी बढ़ने के साथ ही विभिन्न जलस्रोतों का जलस्तर घटने लगा है. इससे न सिर्फ इंसानों को बल्कि बेजुबानों को भी पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पूर्वी पंचायत के मंझलाडीह अंतर्गत नयागढ़ा के ग्रामीण इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां पानी की इतनी समस्या है कि ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.
ग्रामीणों के मुताबिक चट्टानी जगह होने के कारण यहां जलस्तर काफी नीचे रहता है. गर्मी शुरू होते ही जलस्तर और नीचे चला जाता है. इससे हैंडपंप से पानी निकलना बंद हो जाता है. स्थानीय निवासी सुजीत शर्मा कहते हैं कि पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास स्थित पानी टंकी से ग्रामीणों की प्यास बुझती है. लेकिन इन दिनों पानी टंकी से जलापूर्ति बंद है. इससे ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान की मांग को लेकर विभाग से शिकायत भी की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.
65 घरों की बस्ती है नयागढ़ा
स्थानीय निवासी सह भाकपा माले नेता सुजीत कुमार शर्मा ने बताया कि नयागढ़ा 65 घरों की बस्ती है. यहां की आबादी लगभग 350 है. यह बस्ती चट्टानी जगह पर स्थित है. ऐसे में यहां जलस्तर काफी नीचे है. पेयजल की सुविधा के लिए सरकारी स्तर पर चार चापाकल हैं. जिनमें कुछ सूखे हैं और कुछ में थोड़ा पानी गिर रहा है. दो-तीन कुएं हैं वह भी सूख गये हैं.
उन्होंने बताया कि गांव के बगल में एक तालाब है, उसमें भी पानी कम हो गया है. उस पानी से नहाने वालों को खुजली होने लगती है. वहीं, गांव के बगल से कोनार नहर गुजरती है. लेकिन नहर में भी पानी नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों को नहाने के लिए दो किलोमीटर दूर खेडुआ नदी पर जाना पड़ता है.
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को पानी टंकी के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है. पिछले एक माह से रुक-रुक कर पानी की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन पिछले एक पखवाड़े से आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गयी है. गांव की पेमिया देवी, भीम शर्मा, विनोद सिंह आदि ने भी जलापूर्ति ठप होने से उत्पन्न समस्या से अवगत कराते हुए समस्या के समाधान की मांग की है.