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टिहरी राजशाही को दिन में तारे दिखाने वाले श्री देव सुमन की पुण्यतिथि आज, नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि - Death anniversary of Shri Dev Suman - DEATH ANNIVERSARY OF SHRI DEV SUMAN

Shri Dev Suman राजशाही के चंगुल से टिहरी की प्रजा को आजाद कराने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी श्रीदेव सुमन की आज पुण्यतिथि है. इस मौके पर डीएम मयूर दीक्षित और भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल ने जिला कारागार में श्री देव सुमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया.

Shri Dev Suman
श्री देव सुमन की पुण्यतिथि आज (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 25, 2024, 12:30 PM IST

नम आंखों से श्री देव सुमन को दी गई श्रद्धांजलि (video-ETV Bharat)

टिहरी:राजशाही के खिलाफ 84 दिनों तक भूख हड़ताल करने वाले और महान स्वतंत्रता सेनानी श्री देव सुमन को उनके बलिदान दिवस पर याद किया गया. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल ने जिला कारागार में श्री देव सुमन की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. आजादी के बाद से टिहरी रियासत जेल में श्रीदेव सुमन कक्ष बना हुआ है, जहां पर उनकी बेड़िया आज भी सुरक्षित रखी गई हैं, जिन्हें आज दर्शनों के लिए रखा जाता है.

श्री देव सुमन की पुण्यतिथि आज (photo- ETV Bharat)

श्रीदेव सुमन का जीवन परिचय: श्रीदेव सुमन का जन्म 25 मई 1916 को जोल गांव के हरिराम और तारा देवी के घर में हुआ था. इनकी प्रारंभिक शिक्षा अपर प्राइमरी स्कूल चंबा में हुई. 1929 में मिडिल स्कूल टिहरी से हिंदी मिडिल परीक्षा उर्तीण की. देहरादून से उच्च शिक्षा के बाद सनातन धर्म स्कूल में अध्यापक रहे. इसके बाद 1930 में नमक सत्याग्रह आंदोलन में 13-14 दिन जेल में रहे. 22 मार्च 1936 को गढ़देश सेवा की स्थापना की और 1937 में काव्य संग्रह सुमन सोरभ प्रकाशित, हिंदू धर्मराज्य और राष्ट्र मत पत्र पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में काम किया.

स्थायी समिति के सदस्य बनाए गए थे श्री देव सुमन:23 जनवरी 1939 को संमती अत्याचारों के खिलाफ देहरादून में प्रजामंडल की स्थापना की गई, जिसमें श्रीदेव सुमन को मंत्री बनाया गया. 17-18 फरवरी 1939 को श्रीदेव सुमन लुधियाना में आयोजित देसी लोक राज्य परिषद की बैठक में परिषद की स्थायी समिति के सदस्य बनाए गए. लगातार स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय होने से वो राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आए.

टिहरी रियासत में श्री देव सुमन के प्रवेश पर रोक:श्री देव सुमन 9 मई 1942 को गिरफ्तार किए गए. इसके बाद टिहरी रियासत में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया. 2 नवबंर 1942 को फिर देहरादून में गिरफ्तार किए गए. श्री देव सुमन 19 नवबंर 1943 को आगरा सेन्ट्रल जेल से रिहा होने पर टिहरी रियासत पहुंचे, जहां से उन्हें 30 दिसंबर 1943 को चंबा में गिरफ्तार करके टिहरी जेल भेजा गया, जहां पर श्री देव सुमन पर 35 सेर लोहे की बेड़ियां पहनाकर उन पर अत्याचार किये गए. श्री देव सुमन ने 3 मई 1944 को एतिहासिक अनशन शुरू किया और आखिरकर 25 जुलाई 1944 को टिहरी रियासत की जनता के नागरिक अधिकारों की रक्षा के खातिर 84 दिन भूख हड़ताल के बाद शहीद हो गए.

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