सरगुजा:जिले की मेडल क्वीन जिसने 23 साल की उम्र में दो दर्जन मेडल अपने नाम किए. आदिवासी किसान की बेटी ने पहले ड्रॉप रो बॉल में 20 गोल्ड और एक सिल्वर जीता और अब खेल बदलकर मिनी गोल्फ खेली तो इसमे भी साउथ एशियन चेंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए.
ड्रॉप रो बॉल से मिनी गोल्फ का सफर: सरगुजा के गांव में रहने वाले आदिवासी किसानों की बच्चियों ने लगातार ऐसे कमाल किए हैं जिसकी बदौलत सरगुजा और छत्तीसगढ़ के नाम देशभर में रोशन हुआ है. उनमें से एक प्रियंका पैकरा हैं. प्रियंका पहले 6 साल तक ड्रॉप रो बॉल खेल रही थी. इस खेल में प्रियंका ने 20 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया. लेकिन स्कोप को देखते हुए उसने दो साल पहले अपना खेल बदला और ड्रॉप रो बॉल से वो मिनी गोल्फ खेलने लगीं. मिनी गोल्फ में प्रियंका ने पहले साल विश्वविद्यालय खेल में ब्रॉन्ज और इस साल नागपुर महाराष्ट्र में हुई नेशनल ओपन प्रतियोगिता में डबल्स खेलते हुये पार्टनर जशपुर की आशिका कुजूर के साथ ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया है.
प्रियंका पैकरा सरगुजा की टैलेंटेड खिलाड़ी है. नागपुर में नेशनल ओपन मिनी गोल्फ में बेहतर प्रदर्शन किया है. मिनी गोल्फ में छत्तीसगढ़ को रीप्रेजेंट किया और दो मेडल अपने नाम किए. - राजेश सिंह, कोच