नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर आज कांग्रेस में हार के कारणों पर मंथन हुआ. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता बैठक में शामिल हुए. वहीं, सूत्रों के मुताबिक राहुल हरियाणा चुनाव नतीजों से काफी नाराज हैं.
बैठक में इस मुद्दे को लेकर मंथन हुआ कि, हरियाणा में आखिर कांग्रेस की हार की वजह क्या रही. कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं के बीच गुटबाजी, पार्टी हित से ज्यादा स्वार्थ को प्राथमिकता और एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर प्रायोजित बागियों की मौजूदगी को विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के मुख्य कारणों के रूप में पहचाना गया.
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा संगठन के प्रभारी एआईसीसी केसी वेणुगोपाल, एआईसीसी कोषाध्यक्ष अजय माकन और राज्य चुनावों के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बैठक में शामिल हुए. एआईसीसी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया, जो अस्वस्थ हैं, ने ऑनलाइन समीक्षा बैठक में भाग लिया.
इस विषय पर एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "हाईकमान की चेतावनी के बावजूद प्रचार के दौरान सार्वजनिक रूप से गुटबाजी, वरिष्ठ नेताओं के बीच पार्टी से ज्यादा स्वार्थ को प्राथमिकता और एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर प्रायोजित बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी ने निश्चित रूप से पार्टी को नुकसान पहुंचाया." गुरुवार को कांग्रेस के बागी के तौर पर चुनाव लड़ने वाले बहादुरगढ़ सीट से निर्दलीय विधायक राजेश जून ने भाजपा को समर्थन दिया.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा में जीत के लिए प्रचार के आखिरी चरण में कई सीटों पर पदयात्रा करने वाले राहुल चुनाव नतीजों से नाराज हैं और वे चौंकाने वाले नतीजों के कारणों की तह तक पहुंचना चाहते हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदयभान और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत राज्य नेतृत्व को जानबूझकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में नहीं बुलाया गया. खबर है कि, खड़गे द्वारा जल्द ही गठित की जाने वाली फैक्ट फाइंडिंग टीम उनसे अलग-अलग बात करेगी.
बैठक में हार के कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का फैसला लिया गया. कमेटी हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट बनाएगी और उसे हाईकमान को सौपेंगी. वहीं, जांच कमेटी द्वारा खड़गे को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के नतीजों को पार्टी गंभीरता से ले रही है.
बैठक के दौरान नतीजों पर विस्तार से चर्चा की गई. हरियाणा के प्रभारी एआईसीसी सचिव मनोज चौहान ने ईटीवी भारत को बताया, राहुल गांधी और खड़गे दोनों ही चुनाव परिणाम के पीछे के कारणों की पहचान करने के इच्छुक हैं, जिसने न केवल कार्यकर्ताओं को बल्कि हमारे समर्थकों को भी चौंका दिया है. राहुल गांधी ने गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई थी क्योंकि कांग्रेस हरियाणा में दो-तिहाई बहुमत जीतने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन सिर्फ 37 सीटों पर ही सीमित रही, जबकि सभी आंतरिक सर्वेक्षणों ने पुरानी पार्टी के लिए जीत की भविष्यवाणी की थी.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि, हालांकि इस बात की प्रबल आशंका है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने कई सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़ की, लेकिन यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस प्रणाली के भीतर क्या गलत हुआ ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महाराष्ट्र में आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान ऐसी गलतियां न हों, जहां बीजेपी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है और झारखंड में, जहां भगवा पार्टी सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.
वहीं, झारखंड के प्रभारी एआईसीसी सचिव सप्तगिरि उलाका ने ईटीवी भारत को बताया, राज्य में इंडिया गठबंधन मजबूत है. राहुल गांधी और खड़गे ने 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन के साथ आगामी चुनावों पर चर्चा की. गठबंधन द्वारा जल्द ही सीट बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा की जाएगी, जो पहले से ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को मतदाताओं तक ले जा रहा है."
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