लखनऊ: ब्रेन स्ट्रोक और एन्यूरिज्म के बहुत से मरीज ओपन सर्जरी नहीं करवाना चाहते. केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग में अब दिल की तरह ब्रेन में स्टेंट डालकर ऐसे मरीजों का इलाज किया जा सकेगा. इसके लिए शताब्दी-1 अस्पताल में 18 करोड़ की लागत से हाइब्रिड ओटी बनाई जा रही है. अगर स्टेंट का प्रोसिजर पूरा नहीं हो सका, तो डॉक्टर तुरंत ओपन सर्जरी भी कर सकेंगे.
न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड डॉ. बीके ओझा ने बताया, कि एन्यूरिज्म की बीमारी में ब्रेन की नस फूलकर फट जाती है. पहली बार में तो पता चल जाता है, जबकि दूसरी बार में इलाज से पहले ही कई मरीजों की मौत हो जाती है. ऐसे मरीजों के ब्रेन में स्टेंट डाला जाता है, कि ताकि नस न फटे. इसी तरह ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग के कारण ब्लॉकेज हो जाता है. स्टेंट से ब्लॉकेज भी हटाया जा जा सकता है.
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