लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तबादलों का दौर तेज हो चुका है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की नियुक्ति विभाग की ओर से सभी अफसर को यह खास निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्होंने अपनी पोस्टिंग रोकने की कोशिश की तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में कड़े आदेश अधिकारियों को जारी किया जा चुका है.
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी की ओर से सभी अधिकारियों को यह कहा गया है कि अगर उनका तबादला आदेश मिलता है तो उसको लेकर कहीं से भी दबाव डलवाने की कोशिश न की जाए. ऐसा करने की दशा में इस मामले की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जाएगी. जिसका परिणाम संबंधित अधिकारी को भविष्य में भुगतना पड़ेगा. अधिकारियों की नई सूची भी तैयार की जा रही है. फरवरी का यहां पूरा महीना तबादलों से भरा होगा. मार्च के पहले 10 दिन में लोकसभा चुनाव की घोषणा की जा सकती है. ऐसे में चुनावी समीकरणों को देखते हुए अधिकारियों की नियुक्तियां तय की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में 30 जून 2024 तक जिन अधिकारियों के 3 साल एक ही पोस्ट पर पूरे हो रहे हैं, उनका तबादला 31 जनवरी तक किया जा चुका है. सरकार की ओर से यह रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी भी जा चुकी. अनेक जिलों के जिलाधिकारी और लगभग 50 के करीब उप जिलाधिकारी बदले जा चुके हैं. नियुक्ति विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव की घोषणा अगले महीने होगी. इसलिए फरवरी के इस पूरे महीने में इस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले होंगे. ऐसे में बहुत से अधिकारी जो अपनी पोस्टिंग को बेहतर मान रहे हैं. वह तबादला होने की दशा में उसकी रुकवाना चाहेंगे. जिसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ही स्पष्ट किया जा चुका है कि ऐसे अधिकारियों की निशानदेही की जाए. अगर वे लगातार विभिन्न पाॅवर सेंटर से दबाव बनाने की कोशिश करें तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाएं. अधिकारियों को जहां भी जॉइनिंग मिले उनको तत्काल ज्वाइन करना पड़ेगा. किसी तरह की हीलाहवाली को सरकार के आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा.