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ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में ये टिकट होता है सबसे पहले कंफर्म, जानिए रेलवे का पूरा गणित - Train Waiting Ticket - TRAIN WAITING TICKET

Railway Confirm Ticket गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं. घर जाना हैं. लेकिन ट्रेन का टिकट वेटिंग में है?. रेलवे टिकटों की मारामारी के बीच टिकट का कंफर्म होना मुश्किल हो जाता है. लेकिन आप टेंशन मत लीजिए, क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि कितने तरह के होते हैं वेटिंग टिकट और वेटिंग लिस्ट की कौन सा वेटिंग टिकट सबसे पहले कंफर्म होता है?. आइये जानते हैं.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 13, 2024, 8:14 AM IST

पटना:पर्व त्योहार हो या फिर गर्मी की छुट्टियां, लंबी दूरी के लिए हम अक्सर ट्रेन में टिकट बुक करते है. लेकिन हमें टिकट कंफर्म मिले ऐसा संभव नहीं होता है. कुछ टिकट कंफर्म हो जाते हैं, तो कुछ कंफर्म नहीं होने पर खुद कैंसल हो जाते हैं. ऐसे में कौन सा वेटिंग टिकट लेने पर जल्दी कंफर्म होगा यह ट्रिक आपके लिए जानना बहुत जरूरी है. दरअसल, आपके टिकट पर ही एक गुप्त कोड छिपा होता है, जिससे आप पता लगा सकते है कि आपका टिकट कंफर्म होगा कि नहीं?.

टिकट कंफर्म होने की है कितनी उम्मीद : आपका अक्सर वेटिंग टिकट से सामना जरूर हुआ होगा. लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि रेलवे कई तरह की वेटिंग टिकट जारी करता हैं. जब आप ऑनलाइन या काउंटर से टिकट लेते हैं तो रेलवे आपके वेटिंग टिकट आपके दिए हुए निर्देशों के आधार पर पांच तरह के वेटिंग कोड में से किसी एक कोड को जारी करता हैं.

कई तरह के होते हैं ट्रेन वेटिंग टिकट :रेलवे की ओर से जारी आपके वेटिंग टिकट पर GNWL, RLWL, PQWL, RQWL, TQWL, RSWL, RAC जैसे कोड लिखे होते हैं. जिनमें से एक कोड आपके टिकट पर लिखा होता हैं. अब सवाल यह है कि इन कोड्स का क्या मतलब होता है और रेलवे ये को़ड क्यों जारी करती हैं.

GNWL के कंफर्म होने का चांस सबसे अधिक :GNWL (General Waiting List) का मतलब होता है, जनरल वेटिंग लिस्ट. जिस टिकट पर यह कोड लिखा होता है, इसका मतलब, आपने टिकट बुक करते समय जो जानकारी डाली है, उसके अनुसार ट्रेन जिस स्टेशन से शुरू होगी, वहां से रेलवे ने टिकट जारी किया है. GNWL के कंफर्म होने की संभावना सबसे अधिक होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि जहां से ट्रेन शुरू होती है, वहां से सबसे ज्यादा बर्थ का कोटा होता हैं.

क्या होता है RLWL? :रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट यानी RLWL (Remote Location Waiting List). रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट टिकट उन यात्रियों को दिया जाता है, जब आप शुरुआत और गंतव्य स्टेशन को छोड़कर, बीच के स्टेशन (छोटे स्टेशन) का टिकट बुक करते है. ऐसे टिकट के कंफर्म होने की संभावना GNWL के बाद सबसे अधिक होती है. क्योंकि रेलवे ने बीच के स्टेशन का कोई कोटा नहीं रखा है.

क्या है PQWL : पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट (Pooled Quota waiting List). जब आप लंबी दूरी के ट्रेन में टिकट बुक करते हैं और आपको कंफर्म टिकट नहीं मिलता तो आपके टिकट पर यह कोड PQWL लिखा होता हैं. ऐसे टिकट के कंफर्म होने की संभावना काफी कम होती हैं.

TQWL के कंफर्म होने के चांस कम :तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट यानी TQWL (Tatkal Quota Waiting List). जब आप तत्काल टिकट बुक करते है और आपको कंफर्म टिकट नहीं मिलता है, ऐसे में रेलवे आपको जो टिकट जारी करता है, उस पर TQWL लिखा होता है. ऐसे टिकट के कंफर्म होने की संभावना नहीं होने के बराबर होती है. इसके लिए रेलवे के पास कोई कोटा नहीं हैं.

क्या होता है RQWL? : रिक्वेस्ट वेटिंग लिस्ट यानी RQWL. इस कोड वाले टिकट के कंफर्म होने का चांस काफी कम होता है. रेलवे द्वारा यह टिकट ट्रेन के शुरू होने वाले स्टेशन के बाद के स्टेशन के लिए जारी किए जाते हैं. ट्रेनों में ज्यादातर टिकट लंबी दूरी के लिए बुक किए जाते हैं. इसलिए टिकट का कंफर्म होना लगभग नामुमकिन होता हैं.

RLWL कंफर्म होगी? :अगर आपके टिकट पर RLWL यानी रिमोट लॉकेशन वेटिंग लिस्ट लिखा है, तो इसका मतलब होता है रोड साइड वेटिंग लिस्ट. यह टिकट उन यात्रियों को रेलवे जारी करती है, जब कोई यात्री ट्रेन के शुरुआत और गंतव्य के बीच में पड़ रहे बड़े स्टेशन के लिए टिकट बुक करता है. क्योंकि इन स्टेशनों का अलग कोटा होता है और यह टिकट जल्दी कंफर्म होता है.

RAC का मतलब समझिए : रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (RAC), इसमें यात्रियों को पूरी बर्थ के बदले आधी बर्थ मिलती है. यानी आपके टिकट पर अगर RAC लिखा हुआ है तो एक बर्थ दो यात्रियों को मिलेगी और दोनों को साथ में सफर करना पड़ेगा. अगर आरएसी 1 से 5 तक हैं, ऐसे टिकट के कंफर्म होने के चांस अक्सर होते है. लेकिन कभी-कभी यह अटक जाता हैं.

टिकट कंफर्म हुआ या नहीं कैसे पता करें :अब आइये आपको बताते हैं कि आपका टिकट कंफर्म हुआ या नहीं?. दरअसल सबसे पहले आप अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से रेलवे का एप डाउनलोड करें. एप्लीकेशन इंस्टॉल करने के बाद उसमें आपको पीएनआर नंबर डालना होगा. पीएनआर डालने के बाद आपको टिकट का स्टेटस दिख जाएगा. अगर आपका टिकट कंफर्म हो गया तो CNF लिखा होगा. यहां आपको बता दें कि किसी भी ट्रेन का चार्ज 4 घंटे पहले तैयार किया जाता है.

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