नई दिल्ली:दिल्ली में वेटिंग पैसेंजर्स को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. दरअसल, रेलवे की योजना है कि ऐसी महत्वपूर्ण ट्रेनें जिनमें लंबी वेटिंग रहती है उनकी डुप्लीकेट ट्रेन यानी क्लोन ट्रेन चलाकर यात्रियों को राहत देंगे, लेकिन दिल्ली के नई दिल्ली पुरानी दिल्ली आनंद विहार और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रोजाना करीब 800 ट्रेनें चलती हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं. रेलवे स्टेशनों पर डुप्लीकेट ट्रेन चलाने की प्लेटफार्म पर स्टाल नहीं हैं. हालांकि, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सिर्फ चार ट्रेनों की क्लोन ट्रेन चलाई जा रही है. त्योहार के समय में अलग-अलग रूट तैयार कर क्लोन ट्रेनें चलाई जाती हैं. जिससे यात्रियों को थोड़ी राहत मिलेगी.
अधिकारियों के मुताबिक, जब तक माल गाड़ियों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर नहीं शिफ्ट किया जाता तब तक डुप्लीकेट ट्रेन चलाने के लिए स्लाट निकलना मुश्किल है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन आफ इंडिया की ओर से दावा किया गया था कि 2024 में कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन अधिकारियों की मानें तो अभी इसके निर्माण में लंबा वक्त लगेगा.
मालगाड़ियों के हटने के बाद मिलेगी राहत
ईटीवी भारत ने क्लोन ट्रेनें चलाने के संबंध में रेलवे के सेवानिवृत्त सीनियर सेक्शन इंजीनियर व आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि डेडिकेटेड फ्रेड कोरिडोर बन रहा है. मालगाड़ियां डेडिकेटेड फ्रेड कोरिडोर पर शिफ्ट हो जाएंगी तो रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेनों के लिए जगह खाली हो जाएगी. इसपर रेलवे काम कर रहा है. लोग यही चाहते हैं कि वह टिकट खरीदें तो उन्हें ट्रेन में जगह मिल जाए और वह गंतव्य तक पहुंच सकें. रेल मंत्रालय का भी यही उद्देश्य कि सभी यात्रियों को सीट दी जाए.