जयपुर :भारतीय पारंपरिक हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में शिल्पकारी का मंच सजा, जहां देशभर के कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अवार्डी आर्टिजंस ने अपने प्रोडक्ट्स को शोकेस किया. यहां विभिन्न राज्यों की पहचान बिखरते हुए हैंडक्राफ्टेड टैक्सटाइल, पारंपरिक एंब्रॉयडरी वर्क, चंदेरी, हिमालयन हैंडलूम, कोसा सिल्क, पटोला जैसी जटिल बुनाई वाले कपड़ों के साथ बांधनी, शिबोरी और इटाजिम जैसी प्रिंटिंग तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया.
पारंपरिक कारीगरों से आधुनिक उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए शनिवार को दो दिवसीय शिल्पकारी का मंच सजा, जिसका उद्घाटन फिक्की फ्लो जयपुर की चेयरपर्सन रघुश्री पोद्दार ने किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत को 'शिल्पकारी' के माध्यम से एक मंच पर साथ लाना सराहनीय पहल है. यहां प्रदर्शित आर्टवर्क की विविधता हमारे देश को परिभाषित करने वाली शिल्पकला का सच्चा उत्सव है.
पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट्स को मिला मंच (ETV BHARAT JAIPUR) इसे भी पढ़ें -राष्ट्रीय सरस क्राफ्ट मेले में हस्तशिल्प कलाकारों को मिला मंच, 21 राज्यों के उत्पादों का प्रदर्शन
शिल्पकारी की संस्थापक शिल्पी भार्गव ने बताया कि इस एग्जीबिशन में कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय और स्टेट अवॉर्ड विजेता आर्टिजंस और कलाकारों ने अपनी कला और शिल्प के उत्कृष्ट, हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शित किए हैं. इस मंच का उद्देश्य सस्टेनेबल फैशन प्रैक्टिस को बढ़ावा देना है, जिससे आर्टिजंस को सशक्त बनाया जा सके. फैशन उद्योग के पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके और ग्राहकों को उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले, टाइमलैस उत्पाद प्रदान किए जा सकें.
वहीं, कच्छ गुजरात से आए यूनेस्को अवार्डी चमन ने बताया कि उन्हें खादी के प्रोडक्ट्स बनाने के लिए अवार्ड मिला है. जहां तक शिल्पकारी का सवाल है तो यहां भारत के सभी कार्यक्रमों को एक साथ इकट्ठा किया गया है और एक ही जगह विभिन्न संस्कृतियों से जुड़े प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं. चूंकि जयपुर एक मार्केटिंग हब है. यहां इंटरनेशनल और नेशनल लेवल के कस्टमर मिलते हैं. इसलिए यहां आकर अपने प्रोडक्ट्स फ्रेम करना एक अच्छी अपॉर्चुनिटी है.
आपको बता दें कि यहां विजिटर्स के लिए एग्जीबिशन में कई प्रकार के उत्पाद शामिल किए गए. इसमें किलिम एक्सेसरीज, हाथ से बुने हुए केन प्रोडक्ट्स, सस्टेनेबल नारियल के शैल की मोमबत्तियां, सेरेमिक्स, चिकनकारी एक्सेसरीज, सबई ग्रास प्रोडक्ट्स, बच्चों के लिए हस्तनिर्मित शैक्षिक डाई किट्स, रंगीन ग्लास पर हैंड-पेंटेड क्राफ्ट, हस्तनिर्मित लेदर गुड्स, कच्छ के कारीगरों के प्रोडक्ट्स के साथ ही पारंपरिक मेटलवर्क शामिल रहा.