पटना: फलों का राजा आम केवल गर्मियों के सीजन में ही मिलता है. इसे खाने के शौकीन पूरे साल आम का इंतजार करते हैं. देशभर में कई किस्म के आम पाई जाती है. इसमें है एक तोतापरी आम है. बिहार के आममें अभी गुठली बनना शुरू हुआ है पर बिहार के बाजारों में आम की आवक तेजी से बढ़ गई है. बिहार में तोतापुरी आम पहुंच चुकी है. आपने इस आम को जरूर खाया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि आम का नाम तोतापरी कैसे पड़ा?.
क्यों पड़ा तोतापरी नाम:दरअसल, यह आम तोते की चोंच की तरह दिखता है. इसलिए इसका नाम तोतापरी पड़ गया. इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि खट्टे होने की वजह से ये आम तोता पक्षी को भी काफी पसंद आता है. इसी वजह से ये तोता प्रिय और बाद में तोतापरी कहा जाने लगा. तोतापरी आम देश नहीं बल्कि देश के अलग-अलग बाजारों में सबसे फेमस आम है. पटना के बाजार में तोतापरी आम का डिमांड बढ़ गई है. इसकी बिक्री खूब हो रही है. बाजारों में ₹150से लेकर ₹200 किलो बिक रहा है.
तोतापरी की क्या है खासियत:तोतापरी आम की खासियत इसके कलर से लेकर महक तक होती है. तोतापरी आम पकने पर भी हरे रंग का होता है. वहीं पीले शेड के साथ इसका आकार तोते की तरह दिखता है. तोतापरी आम की किस्म बाकी आमों की तरह उतनी मीठी और रसीली नहीं होती, लेकिन अगर आप कम खट्टे आम के अचार को पसंद करते हैं या फिर सलाद में आम काटना चाहते हैं, तो तोतापरी आम बेस्ट होगा. इस आम में विटामिन सी, बी भरपूर मात्रा में होती है.
तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में होती है पैदावार:तोतापरी आम कास्वाद में ये आम हल्का खट्टा होता है. इस लिए इसको बड़े चाव से खाया जाता है. तोतापरी आम की पैदावार कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में होती है. इस आम का प्रयोग ज्यादातर सलाद और आचार के लिए किया जाता है. तोतापरी आम का छिलका मोटी होती है.यह हल्का हरा और हल्का पीले रंग का होता है. आम के अंदर का गुद्दा पीला और नारंगी रंग का होता है.
"आम फलों का राजा है. अब आम सालों भर मिलता है, लेकिन आम के सीजन गर्मी के मौसम शुरू होने के साथ शुरू हो जाती है. जिसमें कई प्रकार की आम बाजार में पहुंचती. अपने स्वाद और रसीले होने के कारण इसका डिमांड बढ़ता है. अभी बाजार में आम महंगे हैं जो तोतापुरी है."-अमरेश कुमार, संचालक, इनकम टैक्स फल मंडी