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आज है कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, मासिक शिवरात्रि से जुड़ा महत्व - Masik Shivaratri

शिव पुराण के अनुसार मासिक शिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से जातक की सभी मनवांछित मनोकामना पूर्ण हो जाती है. मासिक शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है.

मासिक शिवरात्रि से जुड़ा महत्व
मासिक शिवरात्रि से जुड़ा महत्व (फोटो ईटीवी भारत gfx)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 7:26 AM IST

Updated : Jul 4, 2024, 7:40 AM IST

बीकानेर. हिन्दू पञ्चांग के मुताबिक किसी भी माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि होती है. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष विधान है. इस दिन पूरे श्रद्धाभाव से भगवान भोलेनाथ पूजा करने वाले जातक की मनवांछित मनोकामना पूरी होती है. इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अविवाहित युवतियों की शादी होती है जबकि विवाहित महिलाओं की गृहस्थ जीवन में सदैव शांति बनी रहती है.

इस मंत्र के जप से मिलता सबकुछ :भगवान शिव को महाकाल भी कहा जाता है, क्योंकि जो काल के भी काल हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्" मंत्र का जाप जीवन में किसी भी बड़े संकट यहां तक कि मृत्यु के संकट को भी दूर कर देता है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन और व्रत हर उत्पन्न संकट का निवारण कर देता है. इस दिन भगवान शिव का पूजन करते वक्त 'ॐ नम: शिवाय का जाप करें. इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं अर्थात त्रिनेत्र, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं.

पढ़ें: आज है मासिक शिवरात्रि व आषाढ़ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, जानिए आज का पंचांग व शुभ-अशुभ मुहूर्त

कर्ज मुक्ति हेतु करें ये उपाय : हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते हुए ये 17 मंत्र का जाप करें. इससे आपके जीवन में सफलता आएगी. आर्थिक रूप से परेशान व्यक्ति या कर्ज में डुबे जातक शिवजी के मंदिर में जाए। वहां जाकर दीपक जलाए और फिर इन 17 मंत्रों का जाप और स्मरण करें. ऐसा करने से जातक को कर्जे से मुक्ति मिलेगी.

इन 17 मंत्रों का जाप और स्मरण करें: -

ॐ शिवाय नमः

ॐ सर्वात्मने नमः

ॐ त्रिनेत्राय नमः

ॐ हराय नमः

ॐ इन्द्रमुखाय नमः

ॐ श्रीकंठाय नमः

ॐ सद्योजाताय नमः

ॐ वामदेवाय नमः

ॐ अघोरहृदयाय नम:

ॐ तत्पुरुषाय नमः

ॐ ईशानाय नमः

ॐ अनंतधर्माय नमः

ॐ ज्ञानभूताय नमः

ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः

ॐ प्रधानाय नमः

ॐ व्योमात्मने नमः

ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम :

Last Updated : Jul 4, 2024, 7:40 AM IST

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