लखनऊ: वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ आतंकी संगठनों और कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. बीते साढ़े सात वर्षों में सीएम योगी को हत्या की सौ से अधिक बार धमकी दी जा चुकी है. ऐसे में सीएम योगी की सुरक्षा हमेशा से सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती रही है. यूपी के गृह विभाग ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा घेरे के लिए एक बार फिर से समीक्षा करते हुए हाईटेक उपकरणों की खरीद का फैसला किया है, जो सीएम के लिए सुरक्षा का चक्रव्यूह तैयार करेगा. पिछले एक सप्ताह के अंदर ही गृह विभाग के अनुसचिव प्रभात रंजन ने मशीनगन, बुलेटप्रूफ जैकेट और ड्रोन की खरीद के लिए शासनादेश जारी किया है. आइए जानते हैं कि वे कौन कौन से हाईटेक उपकरण हैं जो सीएम की सुरक्षा के लिए खरीदे जा रहे हैं.
7.5 वर्ष में 28 आतंकी और सैकड़ों देश विरोधियों पर कार्रवाई :2017 में बीजेपी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री. उसके बाद से ही राज्य में आतंकवादी संगठन ने यूपी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी. नतीजन यूपी एटीएस ने आतंकियों और स्लीपर मॉड्यूल्स की धड़पकड़ के लिए अपनी कार्रवाई तेज कर दी. वर्ष 2023 तक यूपी के अलग-अलग जिलों से आतंकी संगठनों के 28 स्लीपर मॉड्यूल्स और सौ से अधिक देश विरोधी संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से ही आतंकी संगठन सीएम योगी आदित्यनाथ को अपने निशाने पर लिए हुए हैं. इनसे मोर्चा लेने के लिए यूपी की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं. यही वजह है कि करोड़ों की लागत के हाईटेक उपकरणों की खरीद की जा रही है, जिससे सीएम योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा का मजबूत घेरा तैयार किया जाएगा.
टेथर्ड ड्रोन (Tethered Drone ) :गृह विभाग सीएम योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के लिए 4 टेथर्ड ड्रोन खरीद रहा है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 2.05 करोड़ रुपए है. यह ड्रोन आसमान और जमीन पर हर एक चीज पर नजर रखेगा. यह आधुनिक ड्रोन छोटी से छोटी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के साथ साथ उसे ऑपरेट करने वाले को अलर्ट भी करेगा. टेथर्ड ड्रोन तार के माध्यम से जुड़े होते हैं. ये ड्रोन आसमान में असीमित समय के लिए उड़ सकते हैं. इसकी वजह ये है कि बैटरी नहीं बल्कि जेनसेट से उड़ता है. वैसे तो इन ड्रोन का इस्तेमाल सेना करती है. टेथर्ड ड्रोन आसमान से करीब ढाई किलोमीटर की रेंज तक सर्विलांस कर सकता है. चूंकी ड्रोन एक केबल से जुड़ा रहता है, ऐसे में इसके द्वारा सर्विलांस किए जा रहे डेटा का ट्रांसमिशन बेहतर होता है. इतना ही नहीं, सर्विलांस के दौरान इनका मूमेंट भी बहुत कम होता है. ऐसे में ये ड्रोन सीएम योगी के आवास और कार्यालय पर ढाई किलोमीटर की रेंज तक नजर रखेगा.