वाराणसी/लखनऊ: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में मिलावट उजागर होने के बाद इन दिनों पूरे देश में उबाल है. इस हंगामे और बवाल के बीच तिरुपति मंदिर के प्रसादम की आंच अब उत्तर प्रदेश में पहुंच गई है. तिरुपति मंदिर के भोग को लेकर उठे विवाद पर एफएसडीए चेत गया है. वाराणसी के बाबा विश्वनाथ मंदिर और लखनऊ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की जांच शुरू कर दी गई है.
तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसाद को लेकर हंगामे के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में तैयार होने वाले लड्डू को भी जांच के दायरे में लाया गया है. मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह ने गुणवत्ता जांचने के लिए निर्माण स्थल पर पहुंचकर सैंपलिंग करवाई है. शंभू शरण सिंह ने लड्डू निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जांच करने के साथ ही उनका स्वाद भी चखा है और समय-समय पर इसकी पड़ताल करने के निर्देश भी दिए हैं.
शंभू शरण सिंह का कहना है कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद को लेकर मीडिया में आई खबरों के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने प्रसाद की गुणवत्ता शुद्धता को जांचने का काम शुरू किया है. क्योंकि, यहां देशभर के श्रद्धालु आते हैं. इसलिए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर होना बेहद जरूरी है. उन्होंने फूड डिपार्टमेंट की तरफ से लगातार गुणवत्ता की जांच कराए जाने के निर्देश देते हुए समय-समय पर इसकी सैंपलिंग करने के लिए भी कहा है.
शंभू शरण सिंह का कहना है कि हमने प्रसाद निर्माण स्थल पर पहुंचकर लड्डुओं की गुणवत्ता और इसे बनाने के तरीके के दौरान साफ सफाई और शुद्धता की पड़ताल की है. लैब टेस्ट से जुड़े तमाम पहलुओं पर उन्होंने कहा कि समय-समय पर इसकी लैब टेस्टिंग भी कराई जाती है. घी से लेकर अन्य सामग्री पूरी उच्च गुणवत्ता की रखी जाती है.
उन्होंने लड्डू निर्माण के काम में लगी महिलाओं से कहा कि प्रसाद निर्माण के दौरान किसी भी तरह का कोई ऐसा कार्य न किया जाए जिससे लाखों लोगों की श्रद्धा को ठेस पहुंचे. तिरुपति बालाजी की घटना के बाद प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर जांच पड़ताल जारी रहेगी और समय-समय पर सैंपलिंग के जरिए प्रसाद को चेक किया जाता रहेगा.
लखनऊ के मंदिरों के प्रसाद की जांच शुरू:वहीं तिरुपति प्रसादम को लेकर उठे विवाद पर एफएसडीए चेत गया है. यूपी की राजधानी लखनऊ के मंदिरों में बिक रहे प्रसाद की जांच के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं. सभी प्रमुख धर्म स्थलों के बाहर प्रसाद और खाद्य पदार्थों की जांच के लिए कहा गया है. लखनऊ के सहायक आयुक्त खाद्य 2 विजय प्रताप सिंह ने बताया कि वैसे तो हम आमतौर पर सभी मंदिरों और दुकानों पर खाद्य सामग्रियों की जांच करते रहते हैं. लेकिन, तिरुपति मंदिर में भोग सामग्री में मिलावट की बात सामने आते ही हमने विशेष तौर पर मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद की जांच करवाने के आदेश दिए हैं.
लखनऊ के हनुमंत धाम के प्रसाद के लिए सैंपल: फूड सेफ्टी की टीम ने शनिवार को हजरतगंज स्थित प्रतिष्ठित मंदिर हनुमंत धाम के बाहर लगी प्रसाद की दुकानों की जांच की. इस दौरान वहां रखे बेसन और गरी के लड्डू की जांच की गई. उनके सैंपल भी लिए गए. फूड इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि आमतौर पर बेसन के लड्डू में बेसन, चीनी और रिफाइंड या देशी घी का इस्तमाल होता है. ज्यादातर घी या रिफाइंड में ही मिलावट होती है. ऐसे में सैंपलिंग की जा रही है, जांच में जैसे तथ्य सामने आएंगे, उसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी.
मथुरा में प्रसाद की जांच कराने की उठी मांग: अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने ब्रज के मंदिरों के प्रसाद की जांच कराने की मांग की है. महासभा का कहना है कि जब तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावटी हो सकती है तो ब्रज के मंदिरों में क्यों नहीं, इसलिए यहां के प्रसाद की भी जांच होनी चाहिए.
हिन्दू संगठनों में भारी रोष, पीएम मोदी से की बड़ी मांग: नर सेवा-नारायण सेवा समिति के संस्थापक विमल द्धिवेदी ने तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी पाए जाने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ,सनातन वैदिक हिन्दू धर्म रक्षा बोर्ड के गठन की मांग की है. इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन उन्नाव जिलाधिकारी को सौंपा है. विमल द्धिवेदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश की पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान, तिरुपति बालाजी के प्रसाद में पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ़ वसा) मिलाए जाने की बात के संज्ञान में आने से हिन्दू समाज के लोग अत्यंत क्षुब्ध हैं. तत्कालीन वाईसीपी (YCP) सरकार द्वारा गठित टीटीडी (TTD) बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे.
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