झांसी : पुलिस लाइन से थोड़ी ही दूरी पर छोटी सी दुकान लगाकर चाय बेचता शख्स सबका ध्यान खींच लेता है. दरअसल, चाय बेचना इस शख्स का पेशा नहीं है. ये तो यूपी पुलिस में एक अफसर है. इंस्पेक्टर मोहित यादव. मोहित फिलहाल सस्पेंड चल रहे हैं. इस पुलिस अफसर का कहना है कि उसे साजिश के तहत सस्पेंड किया गया. आरोप ये भी कि उसे नौकरी नहीं करने दी जा रही है. चूंकि परिवार तो चलाना ही है, इसलिए चाय बेचनी पड़ रही है. मोहित ने महकमे के आला अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जानिए इस पुलिस अफसर की क्या है कहानी...
2012 में मिली थी नियुक्ति: मैनपुरी निवासी मोहित यादव यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं. इंस्पेक्टर मोहित यादव ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद 2012 में मृतक आश्रित कोटे से सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली थी. ललितपुर में रहने के बाद करीब दो महीने पहले उनकी पोस्टिंग झांसी में कर दी गई. इसके बाद बिना वजह उनको अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया.
इंस्पेक्टर के क्या हैं आरोप: मोहित ने आरोप लगाया कि काफी समय से बेवजह परेशान किया जा रहा है. बताया कि 15 जनवरी को उन्होंने छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. साजिश के चलते उनके प्रार्थना पत्र को अधिकारियों तक नहीं पहुंचने दिया गया. इसकी जानकारी के लिए वह 16 जनवरी को जिम्मेदार अफसर के पास गए थे. वहां साथी पुलिसकर्मियों ने ही उनके साथ मारपीट की, गुप्तांग में लात मारी. उसके बाद उन्होंने डायल 112 पर कॉल की. 112 पुलिस उन्हें लेकर नवाबाद थाने पहुंची. यहां उन्होंने वरिष्ठ अफसर के खिलाफ लिखित शिकायत दी है, लेकिन उन पर ही मुकदमा लिखकर निलंबित कर दिया गया.
किया जा रहा उत्पीड़न: मोहित यादव ने महकमे के वरिष्ठ अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा है कि उनके इशारे पर ही उनके और उनके परिवार का उत्पीड़न किया जा रहा है. फोन भी टेप किया जा रहा है. कहा कि कहीं से भी निकलता हूं तो फर्जी आरोप लगाए जाते हैं. ड्यूटी करने अगर जाते हैं तो उनकी पुरानी जांचें खुलवा दी जाती हैं. उनसे पैसा मांगा जाता है, वह कहां से पैसे दें. वह पहले भी अपना इस्तीफा दे चुके हैं. जिसको न ही स्वीकार किया गया है और न ही ईमानदारी से नौकरी करने दी जा रही है. अब निलंबित होने के बाद घर चलने के लिए कुछ तो काम करना ही है. इसलिए उन्होंने चाय की दुकान खोल ली है.
बता दें कि बीती 16 जनवरी को इंस्पेक्टर मोहित यादव नवाबाद थाने में देर रात तक अपनी फरियाद लिए जमीन पर बैठ रोते नजर आए थे. तब भी उन्होंने यही आरोप लगाए थे. कहा था कि प्रतिदिन ऊपर बैठे अधिकारियों के इशारे पर उनके खिलाफ साजिश की जाती है. वह अपनी नौकरी किसी के दबाव में नहीं करते, जिससे अधिकारियों को दिक्कत होती है. वहीं, इस मामले में जिले के वरिष्ठ पुलिस अफसर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.