गोरखपुर:उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है. गोरखपुर जिले की दोनों सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन ने पूरी ताकत झोंक रखी है. कहने को तो गोरखपुर में बीजेपी के प्रत्याशी रवि किशन हैं लेकिन खेवनहार योगी बाबा ही हैं. इसीलिए गोरखपुर की दोनों सीटों पर योगी आदित्यनाथ पूरा जोर लगाए हुए हैं. वहीं इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी काजल निषाद के पक्ष में सपा और कांग्रेस के दिग्गजों ने प्रचार कर माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
गोरखपुर जिले में दो लोक सभा सीट है. गोरखपुर और बांसगांव लोक सभा. इन दोनों सीट को जीतने के लिए इंडिया गठबंधन ने पूरी ताकत झोंक रखी है. अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी तक ने यहां रैलियां करके जमकर हुंकार भरा है. वहीं इन दोनों प्रतिष्ठित सीट के लिए बीजेपी ने अकेले सीएम योगी को ही जिम्मेदारी दे रखी है. पीएम ने देवरिया जिले में एक संयुक्त रैली 26 मई को किया था. लेकिन असली जो योगी ही लगा रहे हैं. जिसके लिए वह ताबड़तोड़ सभा कर रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 29 अप्रैल की शाम को योगी के साथ रोड शो में शामिल होंगे. ऐसे में बीजेपी की इन दोनों सीट के जीत हार का सेहरा योगी के ही सिर सजेगा. गोरखपुर लोकसभा सीट जहां योगी और गोरखनाथ मंदिर की परंपरागत सीट मानी जाती है. योगी आदित्यनाथ खुद इस सीट पर पांच बार चुनाव जीत चुके हैं, तो बांसगांव लोकसभा सीट पर, बीजेपी इस बार लगातार चौथी बार जीतने की पुरजोर कोशिश में जुटी है.
तो वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपनी रैली में 25 मई को ही बीजेपी पर जोरदार तंज किया था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सरकार में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी हुई है, और पूंजीपतियों का खजाना भरा है. यह सरकार पूंजीपतियों की हितैषी है, आम जनता की नहीं, इन्हें उखाड़ फेंकना है.
सपा के जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम कहते हैं कि, इस बार बीजेपी को गठबंधन मात देगा और 2018 के उप चुनाव का इतिहास समाजवादी पार्टी दोहराएगी. बांसगांव लोकसभा सीट पर भी गठबंधन इतिहास रचने जा रहा है. वहां गठबंधन का कांग्रेस प्रत्याशी बड़े अंतर से चुनाव जीतेगा.