सिवनी: राखी के त्योहार में राखी बंधवाकर रक्षा का वचन दिया जाता है. पेंच टाइगर रिजर्व में भी इस त्योहार को अंगूठे ढंग से बनाया जाता है. यहां लोग बाघ का मुखौटा लगाकर जनता को राखी बांधते हैं और बाघों की रक्षा करने का वचन लेते हैं. तीसरे साल लगातार पेंच टाइगर रिजर्व ने रक्षाबंधन का त्योहार एक अनोखे अंदाज बाघ रक्षा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. जिसमें बाघ का मास्क पहनकर गांववालों और समाज के बीच राखी बांधी जा रही है. यह राखी का धागा , भाई-बहन के रिश्ते की तरह, बाघों और वन्यजीवों की सुरक्षा का प्रतीक है.
पेंच टाइगर रिजर्व से लगे 130 गांव में चल रही मुहिम
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि, ''पिछले 3 सालों से पेंच टाइगर रिजर्व के सिवनी और छिंदवाड़ा से लगे करीब 130 गांव में रक्षाबंधन के पर्व को बाघ रक्षा दिवस के रूप में अनोखे तरीके से मनाया जाता है. यहां के लोग बाघ का मुखौटा लगाकर ग्रामीणों को राखी बांधते हैं और उनसे बाघों की रक्षा करने वचन लेते हैं. मुखौटा लगाने का मतलब यह होता है कि बाघ खुद इंसानों को राखी बांध रहे हैं और लगातार लोग बाघों की रक्षा करने का वचन भी देते हैं और उसे निभाते भी हैं.''
जो प्यार करता है वह रक्षा भी करेगा
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह का कहना है कि, ''रक्षाबंधन का मतलब होता है कि अगर बहन भाई की कलाई में राखी बांधती है तो भाई उसकी रक्षा का वचन देता है. रक्षाबंधन के मौके पर बाघ रक्षा दिवस मनाने के पीछे मंशा यह है कि इंसान उसी की रक्षा करता है जिससे वह प्यार करता है. जब लोगों के मन में वन्य प्राणी और बाघों के प्रति प्रेम रहेगा तो अपने आप उसकी रक्षा करेगा और उसे किसी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचाएगा.''