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रूस से दोस्ती में 'दरार' पैदा कराने की साजिश? 'यूक्रेन में भारतीय हथियार पहुंचने से रूस नाराज', रॉयटर्स की रिपोर्ट - Misleading Report Aganist India - MISLEADING REPORT AGANIST INDIA

Misleading Report Aganist India: भारत ने रॉयटर्स की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि 'भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन को डायवर्ट किए गए हैं... ईटीवी भारत संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

ANI
पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2024, 9:58 PM IST

नई दिल्ली: भारत से गोला-बारूद यूक्रेन में पहुंचने के बारे में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर पर भारत सरकार ने गुरुवार को आपत्ति जताई है. भारत ने रॉयटर्स की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि 'भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन को डायवर्ट किए गए हैं और मॉस्को के विरोध के बावजूद नई दिल्ली ने व्यापार को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया है.'

रॉयटर्स की इस रिपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा "हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है. यह अटकलें और भ्रामक है. इसमें भारत द्वारा उल्लंघन का संकेत दिया गया है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है और इसलिए यह गलत और शरारतपूर्ण है."

जायसवाल ने कहा, "सैन्य और दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात पर अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन का भारत का एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड है. भारत अपने रक्षा निर्यात को अप्रसार पर अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए और अपने स्वयं के मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के आधार पर कर रहा है, जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता दायित्वों और प्रमाणन सहित प्रासंगिक मानदंडों का समग्र मूल्यांकन शामिल है."

भारत की प्रतिक्रिया तब आई है जब आज (19 सितंबर) ही समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन भेजे जा रहे हैं और मॉस्को के विरोध के बावजूद नई दिल्ली ने इस व्यापार को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया है. यह जानकारी ग्यारह भारतीय और यूरोपीय सरकार और रक्षा उद्योग के अधिकारियों के साथ-साथ व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सीमा शुल्क डेटा के रॉयटर्स विश्लेषण से मिली है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा का समर्थन करने के लिए हथियारों का ट्रांसफर एक साल से अधिक समय से हो रहा है. सूत्रों का हवाला देते हुए, रॉयटर्स ने बताया कि भारतीय हथियार निर्यात नियम घोषित खरीदार तक ही हथियारों के उपयोग को सीमित करते हैं, जो अनधिकृत हस्तांतरण होने पर भविष्य में बिक्री समाप्त होने का जोखिम उठाते हैं.

भारत के हथियार निर्यात में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो रक्षा विनिर्माण में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है. 2016 में लगभग 1 बिलियन डॉलर से, भारत का रक्षा निर्यात 2021-22 में लगभग 1.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, और 2029 तक 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की महत्वाकांक्षा है.

भारत कई तरह की रक्षा वस्तुओं का निर्यात करता है, जिसमें ब्रह्मोस जैसी मिसाइल प्रणाली भी शामिल है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. वहीं, तेजस लड़ाकू विमान एक महत्वपूर्ण निर्यात है. युद्धपोत और पनडुब्बियां तेजी से विदेशी बाजारों में पेश की जा रही हैं. रक्षा क्षेत्र में भारत के प्रयासों का उद्देश्य वैश्विक हथियार बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना है.

ये भी पढ़ें: क्या भारत रूस और यूक्रेन के बीच शांति निर्माता की भूमिका निभा सकता है?

नई दिल्ली: भारत से गोला-बारूद यूक्रेन में पहुंचने के बारे में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर पर भारत सरकार ने गुरुवार को आपत्ति जताई है. भारत ने रॉयटर्स की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि 'भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन को डायवर्ट किए गए हैं और मॉस्को के विरोध के बावजूद नई दिल्ली ने व्यापार को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया है.'

रॉयटर्स की इस रिपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा "हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है. यह अटकलें और भ्रामक है. इसमें भारत द्वारा उल्लंघन का संकेत दिया गया है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है और इसलिए यह गलत और शरारतपूर्ण है."

जायसवाल ने कहा, "सैन्य और दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात पर अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन का भारत का एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड है. भारत अपने रक्षा निर्यात को अप्रसार पर अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए और अपने स्वयं के मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के आधार पर कर रहा है, जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता दायित्वों और प्रमाणन सहित प्रासंगिक मानदंडों का समग्र मूल्यांकन शामिल है."

भारत की प्रतिक्रिया तब आई है जब आज (19 सितंबर) ही समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन भेजे जा रहे हैं और मॉस्को के विरोध के बावजूद नई दिल्ली ने इस व्यापार को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया है. यह जानकारी ग्यारह भारतीय और यूरोपीय सरकार और रक्षा उद्योग के अधिकारियों के साथ-साथ व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सीमा शुल्क डेटा के रॉयटर्स विश्लेषण से मिली है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा का समर्थन करने के लिए हथियारों का ट्रांसफर एक साल से अधिक समय से हो रहा है. सूत्रों का हवाला देते हुए, रॉयटर्स ने बताया कि भारतीय हथियार निर्यात नियम घोषित खरीदार तक ही हथियारों के उपयोग को सीमित करते हैं, जो अनधिकृत हस्तांतरण होने पर भविष्य में बिक्री समाप्त होने का जोखिम उठाते हैं.

भारत के हथियार निर्यात में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो रक्षा विनिर्माण में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है. 2016 में लगभग 1 बिलियन डॉलर से, भारत का रक्षा निर्यात 2021-22 में लगभग 1.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, और 2029 तक 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की महत्वाकांक्षा है.

भारत कई तरह की रक्षा वस्तुओं का निर्यात करता है, जिसमें ब्रह्मोस जैसी मिसाइल प्रणाली भी शामिल है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. वहीं, तेजस लड़ाकू विमान एक महत्वपूर्ण निर्यात है. युद्धपोत और पनडुब्बियां तेजी से विदेशी बाजारों में पेश की जा रही हैं. रक्षा क्षेत्र में भारत के प्रयासों का उद्देश्य वैश्विक हथियार बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना है.

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