रेवाड़ी: 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी रेवाड़ी में टाइगर का कुछ पता नहीं चल पाया है. राजस्थान से हरियाणा में घुसे टाइगर का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बताया जा रहा है कि टाइगर भटसाना गांव से निकलकर देर रात खरखड़ा ढाणी गांव में प्रवेश कर चुका है. शनिवार सुबह टाइगर के पैर के निशान खरखड़ा ढाणी गांव के पास मिले हैं. वन विभाग की टीम अब इस इलाके में पिंजरा डालकर टाइगर का रेस्क्यू करने में जुटी हुई.
घर से बाहर नहीं निकल रहे लोग: रेवाड़ी में टाइगर के खौफ से ग्रामीण घर से भी बाहर नहीं निकल रहे हैं. किसान भी दिन के समय ग्रुप बनाकर खेतों में जा रहे हैं. शाम होने से पहले वो भी घर आ जाते हैं. दरअसल टाइगर को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि नर टाइगर के रेस्क्यू को लेकर आमजन प्रशासन की मदद करें. कोई भी जंगली जानवर दिखाई दे तो पत्थर, लकड़ी या किसी अन्य चीज से वार कर उसे परेशान ना करें. जब कोई जंगली जानवर दिखाई दे तो शोर मत मचाओ. तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें.
प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी: प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को अपील की गई है कि वो सुबह सात बजे से पहले और शाम पांच बजे के बाद खेत में ना जाएं. अगर किसी कारण जाना भी पड़े तो अकेले ना जाएं, ग्रुप बनाकर खेतों में जाएं. इसके अलावा टाइगर के दिखाई देने पर या किसी मवेशी के शिकार की सूचना तुरंत प्रशासन को दें. सबसे जरूरी बात ये कि ग्रामीण किसी भी अफवाह पर भरोसा ना करें. टाइगर को लेकर जो भी जानकारी होगी. प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को बता दिया जाएगा. वन विभाग और जिला प्रशासन की टीम टाइगर पर नजर रखे हुए है.
ड्रोन के जरिए चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर: शनिवार की सुबह टाइगर की मूवमेंट रेवाड़ी के गांव भटसाना में मिली थी, इसके बाद ततारपुर खालसा और फिर खरखड़ा के आसपास देखी गई. रेवाड़ी और अलवर वन विभाग के अलावा सरिस्का बाघ परियोजना की स्पेशल टीमें पिछले 24 घंटे से रेवाड़ी जिले के तीन गांवों में टाइगर का रेस्क्यू करने में लगी हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि टाइगर सरसों के खेत में छिपा हो सकता है. ड्रोन की मदद से उसकी हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. जल्द ही उसे रेस्क्यू भी कर लिया जाएगा.