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रांची से पकड़ा गया महाठग दीपक श्रीवास्तव, सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से की करोड़ों की ठगी - Thug Deepak Srivastava Arrested - THUG DEEPAK SRIVASTAVA ARRESTED

रांची पुलिस ने दीपक श्रीवास्तव नाम के एक महाठग को गिरफ्तार किया है. दीपक पर 155 से ज्यादो लोगों के साथ ठगी करने के आरोप हैं.

THUG DEEPAK SRIVASTAVA ARRESTED
THUG DEEPAK SRIVASTAVA ARRESTED

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 25, 2024, 9:16 PM IST

रांची:राजधानी रांची पुलिस ने सैकड़ों लोगों से नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक महाठग को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया महाठग दीपक श्रीवास्तव ने सरकारी अधिकारी बन 155 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है.

नौकरी दिलाने और एजेंसी दिलाने नाम पर ठगी

अपने आप को कभी कृषि विभाग का अफसर बता तो कभी किसी दूसरे सरकारी विभाग का बड़ा अफसर बता करोड़ों की ठगी करने वाले महाठग दीपक श्रीवास्तव को रांची के मोरहाबादी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया है. रांची एससपी चन्दन सिन्हा ने बताया कि पकड़ा गया ठग दीपक श्रीवास्तव सरकारी अधिकारी बन कर ठगी किया करता था.

एसएसपी ने बताया कि दीपक के ऊपर ठगी कई मामले दर्ज हैं. अब तक कि जांच में 155 से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी, विभिन्न तरह की एजेंसी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी दीपक के द्वारा की गई थी. पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी. जिसके बाद उसे रांची के मोरहाबादी मैदान से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार दीपक के पास से ठगी के 1.70 लाख रुपए नगद, कृषि निदेशक झारखंड, जिला कोषाधिकारी पदाधिकारी धनबाद और जिला योजना पदाधिकारी धनबाद के नाम की मुहर, 10 खाली चेक, अलग-अलग बैंक के 7 पासबुक और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. रांची के लालपुर पुलिस को दीपक की तलाश पिछले 6 वर्षों से थी, दीपक के द्वारा कल्याण विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 155 लोगों से 75 लख रुपए की ठगी भी की गई थी.

कांके से ठगी के मामले में जेल भी गया था

महाठग दीपक ने कांके में रहने वाले एक वकील से 12 लाख रुपये की ठगी की थी. मामले को लेकर कांके थाना में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. ठगी के आरोप में दीपक पांच साल तक जेल में भी रहा था. दीपक पिछले वर्ष फरवरी माह में जेल से सजा काटकर बाहर निकाला और सुरेंद्र सिंह उर्फ रामा नाम के व्यक्ति से अपने दोस्त दयानंद प्रसाद के साथ मिलकर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के नाम पर 28 लाख रुपए की ठगी की, उसके बाद मेसरा के राजकुमार महतो से 80 हजार और ओरमांझी के अनूप कुमार कुशवाहा से 11 लाख और तमाड़ की चांदनी और उनकी मां मंजू देवी को नौकरी दिलाने और घर गाड़ी उपलब्ध कराने के नाम पर 40 लाख रुपए की ठगी की थी.

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