लखनऊ:राजधानी केकृष्णानगर से किडनैप हुआ 3 साल का मासूम बरामद कर लिया गया. घटना के तीसरे दिन पुलिस उसे खोज पाई. पुलिस ने उसे गोंडा से बरामद कर लिया है. दरअसल, मासूम का पिता दो दिन से चौराहे-चौराहे खुद ही लाउडस्पीकर लेकर बेटे को खोज रहा था. पिता की अपील से पुलिस भी हरकत में आई. उसने लखनऊ और आसपास के जिलों में मासूम की तस्वीरें भेजी. लोकल पुलिस ने सर्चिंग ऑपरेशन शुरू किया, तो बच्चा गोंडा रेलवे स्टेशन के बाहर मिला.
पुलिस से कुछ खास मदद नहीं मिली, पिता जितेंद्र ने लाउडस्पीकर खरीद कर खुद तलाश करने लगा. पिता की अपील से पुलिस भी हरकत में आई. उसने लखनऊ और आसपास के जिलों में मासूम की तस्वीरें भेजीं. लोकल पुलिस ने सर्चिग ऑपरेशन शुरू किया तो बच्चा गोंडा रेलवे स्टेशन के बाहर मिला.
जितेंद्र की मुहिम रंग लाई, इस मार्मिक अपील को देखकर लखनऊ पुलिस दोबारा हरकत में आई. हर थाने में और आसपास के जिले में बच्चे की गायब होने की सूचना भेजी. कृष्णा नगर पुलिस ने सीसीटीवी निकलवाया. उसमें एक युवक बच्चे को गोद में लेकर जाते दिख रहा था. पुलिस ने उसी आधार पर तलाश को आगे बढ़ाया. सभी रेलवे स्टेशनों से संपर्क किया.
कृष्णानगर थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि किडनैपर बच्चे को लेकर ट्रेन से गोंडा स्टेशन पर पहुंचा. वहां, बच्चा जोर-जोर से रोने लगा, तो वो उसे स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया. जीआरपी को जानकारी मिली, तो बच्चे को अपने पास रख लिया. जीआरपी ने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया. वहां से शनिवार को बच्चे को राजकीय बालगृह शिशु कार्यालय लखनऊ लाया गया और परिवार को सौंप दिया.
वहीं, बच्चे के मिलने के बाद जितेंद्र ने कहा कि बेटे के लिए अब वह कुछ भी करेगा. पहले मुझे लगा पुलिस के भरोसे रहना ठीक नहीं है. इसलिए मैंने खुद लाउडस्पीकर उठाया और जनता के बीच जाने का फैसला किया. अब मेरा बेटा मिल गया. मैं बहुत खुश हूं. पुलिस की वजह से मेरा बच्चा मिल पाया हैं. पुलिस का बहुत धन्यवाद.
बता दें कि उन्नाव के रहने वाले जितेंद्र लखनऊ में मजदूरी करते हैं. परिवार के साथ बाराबिरवा इलाके में फुटपाथ पर रहता हैं. 16 मई की शाम को पत्नी बेटे को छोड़कर दुकान गई थी. लौटी, तो उनका बेटा गायब था. उन्होंने शोर मचाया, लोगों को बुलाया, लेकिन कोई बच्चे के बारे में नहीं बता सका.