बाड़मेर.आज अक्षय तृतीया का पर्व है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व होता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से जाना जाता है. अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त की तिथि होती है. ऐसे में इस दिन बड़ी संख्या में शादियां संपन्न होती है परंतु इस बार आखातीज पर शहनाई नहीं बज रही है. इस बार आखातीज पर शादिया नहीं होने के पीछे क्या कुछ कारण है आईए जानते हैं.
जुलाई तक नही होगा कोई मांगलिक कार्य! : आखातीज यानी कि अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होते हैं ओर किसी भी तरह का शुभ कार्य बिना मुहूर्त के संपन्न किया जा सकता है. खासकर इस इस दिन बंपर शादियों की सीजन होती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. आखा तीज के मौके पर शादियां नहीं होने के चलते व्यापार पर भी काफी असर पड़ा है. बाड़मेर के पंडित ओमप्रकाश जोशी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त में शादियां होती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. इसके पीछे वजह यह है कि इस बार शुक्र ऋषि तारा 30 अप्रैल को अस्त हो गया और इस बीच बृहस्पति तारा भी हो जाएगा तो 5 जुलाई तक कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं कर सकते हैं.
आमतौर पर आखातीज पर होती है बम्पर शादियां : उन्होंने बताया कि शुक्र ऋषि तारा जब अस्त हो जाता है तो कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नही करना चाहिए, क्योंकि उसका फल प्राप्त नही होता है ,इसलिए इस बार अबूझ मुहूर्त नही है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर आखातीज पर हजारों की संख्या में अबूझ मुहूर्त में शादियां होती हैं. जिन लोगों की शादी का लग्न नही होता है वो सब लोग इस अबूझ मुहूर्त में विवाह करते हैं. खासकर ग्रामीण इलाकों में अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में शादियां होती हैं लेकिन इस बार ऐसा नही है. उन्होंने बताया कि आंशिक रूप से व्यापार पर भी इसका असर पड़ेगा लेकिन आषाढ़ माह में जब शादिया हैं तो इससे व्यापार बराबर हो जाएगा.