नई दिल्ली:साल 1952 में पहले लोकसभा चुनाव में दिल्ली में तीन लोकसभा सीटें थी. जिनपर 19 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इसमें से 8 निर्दलीय उम्मीदवार थे. वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर बीते चुनावों की तुलना में सबसे अधिक 168 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. बीते वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 164 उम्मीदवार थे. 147 लोगों की जमानत जब्त हुई थी. जानकारों की मानें तो दिल्ली में सांसद बनाना काफी महत्व रखता है. इसलिए शुरू से ही बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरते आए हैं. लेकिन दिल्ली की जनता ने अभी तक बड़ी पार्टियों के ही उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है.
इस बार दिल्ली में प्रमुख रूप से भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के अलावा बसपा के उम्मीदवारों की ही जमानत बच पाई है. कुल 148 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है. इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों से 164 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. इसमें से कुल 17 उम्मीदवारों को छोड़ अन्य सभी की जमानत जब्त हुई थी. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी सात विजेता थे. सात प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों के अतिरिक्त अन्य सभी की जमानत जब्त हो गई थी.