जयपुर :इस बार अमेरिका में दिवाली के दिन जयपुर में बने विशेष दीये जलेंगे. जिले के पिंजरापोल गौशाला में गाय के गोबर से ये दीपक तैयार किए जा रहे हैं. महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से यह दीपक बनाए जा रहे हैं. हर दिन हजारों की संख्या में दीपक बाजार में बेचे जा रहे हैं. खास बात यह है कि गाय के गोबर से बने यह दीपक जयपुर के बाजार में काफी पसंद किए जा रहे हैं. वहीं, इन दीयों की मांग विदेशों से भी आ रही है. खास बात यह है कि इस बार 10 लाख दीपकों का ऑर्डर अमेरिका से प्राप्त हुआ है.
अखिल भारतीय गौशाला परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डॉ अतुल गुप्ता ने बताया कि वेद पुराणों में कहा गया है कि गाय के गोबर में लक्ष्मी का निवास होता है. ऐसे में हमारे यहां गाय के गोबर से कई तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें स्थानीय महिलाओं का काफी योगदान है. इसी के तहत दीपावली के मौके पर गाय के गोबर से बने दीपक तैयार किए जा रहे हैं, जिनकी मांग स्थानीय बाजार में काफी ज्यादा है. इतना ही नहीं इस बार विदेश से भी गाय के गोबर से बने दीपकों का बड़ी संख्या में आर्डर मिला है.
अमेरिका से मिले 10 लाख दीये के ऑर्डर (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढ़ें-Rajasthan: गुलाबी नगरी में दिखने लगी दिवाली की धूम, “जयपुर फिएस्टा” कार्यक्रम में युवाओं ने माचाया धमाल
10 लाख दीपकों का ऑर्डर :डॉ अतुल गुप्ता ने बताया कि गाय के गोबर से बने यह दीपक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से भारतीय बाजार में हमारी ओर से बेचे जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार 10 लाख दीपकों का ऑर्डर अमेरिका से प्राप्त हुआ है और अमेरिका में रहने वाले भारतवंशी जयपुर में गाय के गोबर से बनने वाले दीपकों का उपयोग दिवाली मनाने के लिए करेंगे. उन्होंने बताया कि इस आर्डर को तैयार कर लिया गया है. तकरीबन 2 हजार महिलाओं ने दिन-रात मेहनत करके यह दीपक तैयार किए हैं. गुप्ता ने बताया कि पहले जब हमने गाय के गोबर से दीपक बनाए तो उसमें काफी कमियां थी, लेकिन धीरे-धीरे इसमें सुधार लाया गया है और अब गाय के गोबर कलरफुल दीपक तैयार किए जा रहे हैं.
महिलाओं को मिल रहा रोजगार :पिंजरापोल गौशाला में तकरीबन 5 हजार गायें हैं और और इन गायों के गोबर से दीपक ही नहीं बल्कि अन्य उत्पाद भी गौशाला में तैयार किए जा रहे हैं. इसमें गो कास्ट, ऑर्गेनिक खाद आदि उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. इसके माध्यम से स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है.