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एमएनआईटी में पैंथर का खौफ हुआ खत्म, पिंजरे में हुआ कैद, वन विभाग ने नाहरगढ़ जंगल में किया रिलीज - Panther in MNIT Jaipur - PANTHER IN MNIT JAIPUR

जयपुर के एमएनआईटी परिसर में वन विभाग की टीम ने एक पैंथर को पिंजरें में कैद किया है. पिछले कई दिनों ने एमएनआईटी में पैंथर की मूवमेंट देखी जा रही थी. वन विभाग ने पैंथर को नाहरगढ़ को जंगलों में रिलीज की दिया है.

Panther in MNIT Jaipur
पिंजरे में कैद हुआ पैंथपर (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 4, 2024, 3:18 PM IST

वन विभाग की टीम ने पैंथर को पिंजरें में कैद किया (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : एमएनआईटी में पैंथर का खौफ आखिरकार खत्म हो गया है. पिछले कुछ दिनों से एमएनआईटी में पैंथर का खौफ बना हुआ था. परिसर में छात्रों ने पैंथर घूमता हुआ देखकर वन विभाग को सूचना दी थी, जिसके बाद वन विभाग की ओर से पिंजरा लगाया गया. वन विभाग ने पैंथर का रेस्क्यू कर लिया है. बीती देर रात को पैंथर पिंजरे में कैद हो गया, जिसके बाद बुधवार सुबह पैंथर को नाहरगढ़ सेंचुरी में रिलीज किया गया.

डीएफओ जगदीश गुप्ता के मुताबिक जेएलएन मार्ग पर स्थित एमएनआईटी में लेपर्ड यानी पैंथर के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग की ओर से पिछले दिनों पिंजरा लगाया गया था. बीती देर रात को पिंजरे में एक मेल पैंथर कैद हुआ है. मादा लेपर्ड के साथ उसके शावकों के मूवमेंट को देखते हुए तीन पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए गए थे. इस दौरान पैंथर को पकड़ने के लिए भोजन भी पिंजरे में रखा गया था. पिंजरा और कैमरा ट्रैप लगाने के साथ ही वन विभाग की टीम भी लगातार निगरानी रख रही थी.

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एक और पैंथर की आशंका : वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर, रेंजर जगदीश शर्मा, सहायक वनपाल कृष्ण कुमार मीणा, राजेंद्र सिंह समेत वन विभाग की टीम लगातार एमएनआईटी में मॉनिटरिंग कर रही थी. पिंजरे में कैद हुए पैंथर को बुधवार सुबह नाहरगढ़ अभ्यारण में रिलीज कर दिया गया है. हालांकि, एमएनआईटी परिसर में अभी भी एक फीमेल लेपर्ड होने की और आशंका जताई जा रही है. करीब 5-6 दिन पहले एमएनआईटी में लेपर्ड को देखा गया था, जिसके बाद एमएनआईटी परिसर में दहशत का माहौल बन गया. मामले की जानकारी वन विभाग को मिलने के बाद एमएनआईटी में पैंथर की तलाश की जा रही थी. एमएनआईटी प्रशासन की ओर से वन विभाग को पत्र लिखा गया था कि जल्द से जल्द पैंथर को पकड़ा जाए. इसके बाद तीन पिंजरे अलग-अलग जगह पर लगाए गए. साथ ही निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप भी लगाए गए.

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