जयपुर. राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार का एक और फैसला बदलने का भजनलाल सरकार ने मन बना लिया है. जयपुर शहर में दो नगर निगमों का एकीकरण कर वार्डों की संख्या कम करने को लेकर मंत्री सरकार की मंशा जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार है. जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आर आर तिवाड़ी ने कहा है कि आजादी के बाद पहली बार जयपुर शहर की जनता ने आठ में से छह सीट भाजपा को दी. मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को जिताया. फिर भी शहरी सरकार के चुनाव में संभावित हार के डर से डबल इंजन की सरकार जयपुर हैरिटेज और जयपुर ग्रेटर नगर निगम का एकीकरण करने पर आमदा है. यह भाजपा के उन कार्यकर्ताओं के साथ भी अन्याय है. जो पार्षद का चुनाव लड़ना चाहते हैं.
250 वार्डों को कम करके क्या मिलेगा : आरआर तिवाड़ी ने कहा, भाजपा सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि जयपुर के हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम का एकीकरण कर एक नगर निगम बनाया जाएगा. सरकार की मंशा राजधानी के 250 वार्डों को महज 152 वार्ड में समेटने की है. आजादी के बाद पहली बार जयपुर की आठ विधानसभा सीटों में से छह पर भाजपा के विधायक चुने गए हैं. इनमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी भी शामिल है. उप मुख्यमंत्री डॉ.प्रेमचंद बैरवा भी जयपुर जिले की ही दूदू विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. सरकार को वार्ड कम कर क्या मिलेगा.
राजधानी के लाखों लोगों के साथ होगा अन्याय : तिवाड़ी ने कहा, जिस जिले से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का संबंध है. वहां भाजपा सरकार अपनी संभावित हार को टालने के लिए जयपुर शहर के लाखों लोगों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर राजधानी में दो नगर निगम और 250 वार्ड हैं. तो वहां केवल कांग्रेस के कार्यकर्ता ही चुनाव नहीं लड़ेंगे. भाजपा के कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद जयपुर में पांच लाख मतदाता बढ़े हैं. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने विकेंद्रीकरण करने के मकसद से जयपुर में दो नगर निगम और 250 वार्ड किए हैं.
25-30 हजार लोगों पर एक पार्षद होगा : उन्होंने कहा, सरकार ने दोनों निगम को एक किया और वार्ड कम किए तो 25-30 हजार लोगों पर एक पार्षद होगा. क्या यह संभव है कि एक पार्षद इतनी बड़ी संख्या में लोगों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का समाधान कर सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता इसकी कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर अपना मन बदले. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार को डर किस बात का है. केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है. जयपुर ग्रेटर नगर निगम पर भी भाजपा का कब्जा है.
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हैरिटेज निगम में जोड़-तोड़ से सत्ता हथियाई : आरआर तिवाड़ी ने कहा कि हैरिटेज में जिस तरह कांग्रेस के पार्षदों को तोड़कर खेल किया गया. वह सबके सामने है और जनता चुनाव में इसका जवाब देगी. जयपुर शहर जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इस बात का आक्रोश है कि शहरी सरकार पर कब्जा करने के लिए आप कार्यकर्ताओं का गला घोंटना चाहते हो. क्या सरकार भाजपा के उन कार्यकर्ताओं का चुनाव लड़ने का सपना भी तोड़ेगी. जिन्होंने जयपुर की आठ में से छह विधानसभा सीट भाजपा को जिताई और मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री बनवाने में योगदान दिया.
सरकार ने पंचायतीराज का भी गला घोंटा : उन्होंने कहा कि इस सरकार ने गला तो पंचायतीराज का भी घोंटा है. जनता के चुने हुए सरपंचों व अन्य जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया बल्कि उन्हें प्रशासक बना दिया. अब नगर निगम एकीकरण के नाम पर कार्यकर्ताओं का लोकतंत्र में भरोसा तोड़ना चाहते हो. हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलाकर इस लड़ाई की रणनीति तय की जाएगी और आखिरी दम तक कांग्रेस का कार्यकर्ता यह लड़ाई लड़ेगा.