जयपुर : राजस्थान विधानसभा में मंत्री द्वारा इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी के बाद उत्पन्न हुआ गतिरोध फिलहाल समाप्त होता नहीं दिख रहा है. आज विपक्ष के वॉकआउट के बाद विधानसभा में मार्शल तैनात कर दिए गए हैं, ताकि निलंबित सदस्य भीतर न जा सकें. इस बीच स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि उन्होंने और सत्ता पक्ष ने गतिरोध समाप्त करने के हरसंभव प्रयास किए हैं, लेकिन कोई एक व्यक्ति यह चाहे कि सदन को हाईजैक कर लूं, ऐसा नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि सदन परंपराओं और मर्यादाओं के अनुसार चलेगा.
निलंबित विधायकों का धरना :दरअसल, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, संजय कुमार सहित छह विधायकों को 21 फरवरी को बजट सत्र से निलंबित कर दिया था. इसके बाद से कांग्रेस की ओर से सदन में धरना दिया जा रहा था. आज भी गतिरोध समाप्त करने के लिए कई चरणों में बातचीत हुई, लेकिन अंततः विपक्ष के सदस्य वॉकआउट कर गए. इसके बाद विधानसभा के पोर्च में मार्शल तैनात किए गए हैं, ताकि निलंबित विधायक भीतर न जा सकें. हालांकि, कांग्रेस के कुछ विधायक मार्शल से भी भिड़ गए. निलंबित विधायक रामकेश मीणा, हाकम अली और जाकिर हुसैन मार्शल से भिड़ गए.
स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढ़ें-राजस्थान विधानसभा : 'दादी' शब्द पर बवाल जारी : सत्ता पक्ष बोला- एक मात्र सदस्य की वजह से नहीं टूट रहा डेड लॉक, विपक्ष का वॉकआउट
स्पीकर का बयान : स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में कहा कि सदन में गतिरोध तोड़ने के लिए हमने बहुत प्रयास किए, क्योंकि यह सदन प्रदेश के आठ करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा, "हमने विधानसभा सत्र की शुरुआत में सर्वदलीय बैठक आयोजित की थी, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा होती है और सदन कैसे सुचारू रूप से चले, इस पर विमर्श होता है."
प्रश्नकाल में खड़े होकर बोलना गलत परंपरा स्पीकर देवनानी ने कहा कि कुछ लोग प्रश्नकाल की व्यवस्था का पालन नहीं करते और बार-बार खड़े होकर प्रश्नकाल को बाधित करते हैं. राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जब मुख्यमंत्री का संबोधन था, तब भी फोन टैपिंग को लेकर गतिरोध उत्पन्न किया गया. अवरोध के बीच ही मुख्यमंत्री का संबोधन हुआ. पिछले दिनों मंत्री की एक टिप्पणी को लेकर विपक्ष के कुछ सदस्य डायस पर चढ़ गए थे. डायस पर चढ़ना ही सदस्य का स्वतः निलंबन होता है. मजबूरी में हमने छह विधायकों का निलंबन किया. इसके बाद भी गतिरोध समाप्त करने के लिए चर्चा कर हरसंभव प्रयास किए गए.
स्पीकर ने कहा, "आज भी विपक्ष के प्रमुख लोगों ने आश्वस्त किया था कि सदन चलाने में सहयोग करेंगे. हमने निलंबन के बावजूद सदन में आने की अनुमति दी, लेकिन जो तय हुआ था उसका उल्टा हुआ. आज भी जब दोबारा डायस पर चढ़ने का प्रयास किया गया, तब जाकर हमें मार्शल बुलाने पड़े. मार्शल और सत्ता पक्ष ने भी संयम से काम लिया. हमने आज भी वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन वे हठधर्मिता पर अड़े हैं. यह बर्दाश्त नहीं होगा. कोई यह चाहे कि सदन को हाईजैक कर ले, यह बर्दाश्त नहीं होगा. डायस पर चढ़ना अनुशासनहीनता है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम होगा."