नई दिल्ली/नोएडा:ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर यमुना प्राधिकरण में एक अहम बैठक हुई. डीजीसीए की अध्यक्षता में एयरपोर्ट से जुड़े सभी विभागों के प्रतिनिधियों की इस बैठक में भाग लिया. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इस दौरान कमर्शियल उड़ानों के परीक्षण की तारीख 30 नवंबर तय की गई है. 17 अप्रैल को अंतिम समय सीमा के रूप में निर्धारित किया गया है.
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया है कि 30 नवंबर को कमर्शियल उड़ानों का परीक्षण किया जाएगा. इस प्रशिक्षण में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, अकासा और इंडिगो जैसी एयरलाइंस भाग लेगी. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि एयरपोर्ट पर कैटिगरी 1 और कैटिगिरी 3 दोनों लैंडिंग सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं और डीजीसीए ने इनका निरीक्षण भी कर लिया है.
उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि 4 से 6 अक्टूबर तक आईएलएस का कैलिब्रेशन किया जाएगा और इसकी रिपोर्ट 10 अक्टूबर तक प्रस्तुत की जाएगी. कैलिब्रेशन का प्रमाण पत्र 15 अक्टूबर तक जारी किया जाएगा. 15 अक्टूबर तक उड़ान प्रक्रिया डीजीसीए को सौंप दी जाएगी और 25 नवंबर तक डीजीसीए उड़ानों का ड्राइंग करेगा और उसके बाद 30 नवंबर को होने वाली वाणिज्य उड़ान परीक्षण में 1 से 2 दिन लग सकते हैं. इसके बाद दिसंबर में एयरड्रोम लाइसेंसिंग के लिए आवेदन किया जाएगा. लगभग 90 दिनों मे डीजीसीए द्वारा लाइसेंस जारी किए जाने की संभावना है. जिसके बाद मार्च तक लाइसेंस मिलने की संभावना है.