थराली:सरकार भले ही गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के दावे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. प्रदेश में आज भी कई गांवों में डंडी-कंडी यहां एंबुलेंस का काम करती है. गांव में कोई बीमार हो जाता है, उसे आज भी पुराने ढर्रे से हॉस्पिटल तक पहुंचाया जाता है. कुछ ऐसा ही विकासखंड देवाल के अंतर्गत यातायात से वंचित सुदूरवर्ती गांव बलाण से सामने आया है. जहां प्रसूता के बाद युवती की तबीयत बिगड़ने पर लोगों तीन किलोमीटर डंडी-कंडी के सहारे मोटर सड़क तक लाए, जिसके बाद महिला को हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया.
युवती की अचानक हुई तबीयत खराब:गौर हो कि सुदूरवर्ती गांव बलाण की युवती का बीते दिन गांव में ही प्रसव हुआ था, प्रसव के बाद से ही युवती का स्वास्थ्य खराब होने लगा था, लेकिन बीते दिन उसका स्वास्थ्य अधिक बिगड़ गया और वह चलने फिरने तक में असमर्थ हो गई. जिस पर ग्रामीणों ने युवती को अस्पताल ले जाने का निर्माण लिया और आनन-फानन में डंडी कंडी तैयार कर करीब 3 किलोमीटर दूर तय कर रोड तक पहुंचा. घेस में सड़क भूस्खलन से बंद होने के कारण युवती को कड़ी मशक्कत के बाद भूस्खलन प्रभावित मार्ग को पार कर अन्य वाहन से उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग ले जाया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है.