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मॉनसून के मौसम में मौत बनकर घूम रहे हैं सांप, छह महीने में 10 लोग बने स्नेक के शिकार - snake bite cases in Bastar - SNAKE BITE CASES IN BASTAR

मॉनसून के मौसम में सांप अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं. बिलों से बाहर आने के बाद ज्यादातर सांप रिहायशी इलाकों की ओर छिपने के लिए पहुंच जाते हैं. इंसानों के संपर्क में जैसे ही सांप आते हैं वो बचने के लिए उनपर हमला करते हैं. बस्तर में ज्यादातर कोबरा और करैत मिलते हैं. दोनों ही सांप काफी जहरीले होते हैं.

SNAKE BITE CASES IN BASTAR
छह महीने में 10 लोग बने स्नेक के शिकार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 16, 2024, 4:10 PM IST

बस्तर: बारिश का मौसम आते ही खेतों और जंगल वाले इलाके में पानी भर जाता है. सांप बिल बनाकर रहते हैं लिहाज जब उनके बिलों में पानी भर जाता है तो बचने के लिए बाहर निकलते हैं. कई सांप गर्मी और उमस से परेशान होकर भी बिलों से बाहर निकल आते हैं. बिलों से बाहर आने के बाद ये छिपने का सुरक्षित ठिकाना खोजने लगते हैं. छिपने के चक्कर में सांप कई बार लोगों के घरों तक में डेरा बसा लेते हैं. जैसे ही सांप के करीब कोई पहुंचता है सांप खुद को बचाने के लिए इंसान को डस लेता है.

छह महीने में 10 लोग बने स्नेक के शिकार (ETV Bharat)

बस्तर में बढ़े सर्पदंश के केस: साल 2024 में अबतक दस लागों की जान सांप के काटने से जा चुकी है. सरकारी अस्पताल में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक इस साल बस्तर के अलग अलग जिलों में 453 लोगों को सांप ने काटा है. 443 लोगों को समय पर अस्पताल में इलाज मिला एंटी वेनम इंजेक्शन दिया गया जिससे उनकी जान बच गई. 10 लोग इतने भाग्यशाली नहीं रहे. इनको समय पर इलाज नहीं मिला जिससे उनकी मौत हो गई.

''बारिश के दिनों में सांप काटे जाने की शिकायत ज्यादा मिलती है. अस्पतालों में एंटी वेनम इंजेक्शन मौजूद होता है. सांप काटने पर हम उसे लगाते हैं. मरीज को अगर समय पर अस्पताल लाया जाए तो उसकी जान बच सकती है. जिन लोगों को बाहर सोने की आदत है वो स्नेक बाइट के शिकार ज्यादा होते हैं. सांप काटने पर खुद उसका इलाज नहीं करना चाहिए. सांप काटने पर झाड़ फूंक नहीं कराना चाहिए. सांप काटते ही उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर आना चाहिए. समय पर अगर एंटी वेनम इंजेक्शन लगा दिया जाए तो मरीज की जान बच जाती है. वर्तमान समय में डिमरापाल अस्पताल में सांप काटे जाने के चार मरीज भर्ती हैं.''- डॉ. जॉन मसीह, डॉक्टर, डिमरापाल अस्पताल

डायल 112 की टीम करती है गांव वालों की मदद: किसी भी गांव या घर में जब सांप निकलते हैं तो उसकी मदद के लिए डायल 112 की टीम तैयार रहती है. फोन पर दी गई सूचना के बाद टीम मौके पर पहुंचती है और सांप को पकड़कर उसे सुरक्षित छोड़ देती है. टीम में शामिल सदस्यों के मुताबिक एक दिन में डायल 112 की टीम कई सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ देती है.

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