दुर्ग : आजकल साइबर फ्रॉड करने वालों ने नए तरीके से लोगों को लूटने का प्लान तैयार किया है.जिसमें वो लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर अरेस्ट करने की धमकी देते हैं. यदि सामने वाला थोड़ा सा भी डर जाए तो समझ लिजिए कि उसके जीवन भर की कमाई लूट ली जाती है. लेकिन यदि बैंक सजग रहे तो बड़ी ठगी होने से रोका जा सकता है. इसका जीता जागता उदाहरण भिलाई में देखने को मिला.जहां बैंक की सूझबूझ के कारण एक महिला बड़ी ठगी का शिकार होने से बच गई.
रिसाली की महिला ठगी से बची : रिसाली निवासी विधवा महिला को ठगों ने कॉल करके मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया.महिला को बताया गया कि उसके आधार और मोबाइल नंबर का मिसयूज करके करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया है. जिसके लिए उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकला है.मामला अब क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा और जल्द ही टीम उन्हें गिरफ्तार करेगी.ये सारी बातें सुनकर महिला के पैरों तले जमीन खिसक गई.महिला के बारे में सारी जानकारी उसी से ठगों ने हासिल की और पैसों की डिमांड की.महिला से 45 लाख रुपए की डिमांड की गई. जिसे महिला ने मान लिया.
बैंक पहुंचकर तुड़वाई एफडी: महिला को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया और फिर बैंक भेजा.जहां महिला ने पति की एफडी जो करीब 39 लाख की थी उसे तुड़वाकर पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए.इसके बाद ठगों के भेजे गए अकाउंट नंबर में महिला ने आरटीजीएस करने के लिए वाउचर भरकर काउंटर में जमा किया. लेकिन जब महिला का वाउचर बैंक कर्मी ने देखा तो पूछा कि अचानक इतने ज्यादा पैसों की जरुरत उन्हें क्यों पड़ी.जिस पर महिला ने ये कहा कि जमीन खरीदने के लिए इतने पैसों की जरुरत हुई है.
बैंककर्मी की सूझबूझ से रुका ट्रांजेक्शन : लेकिन रुपए भेजे जाने वाले अकाउंट पर बैंककर्मी ने पाया कि अकाउंट असम राज्य के सिलचर का है.लिहाजा बैंककर्मी ने महिला को आरटीजीएस करने से काफी समय तक रोके रखा.बैंककर्मी ने ये बात अपने मैनेजर को बताई जिसके बाद मैनेजर ने महिला को बुलाकर उनसे रुपए ट्रांसफर करने के बारे में पूछा. जहां ये बात पता लगते देर ना लगी कि महिला को डिजिटल अरेस्ट करके रुपए की डिमांड की गई है.रिसाली एसबीआई के शाखा प्रबंधक विनीत नायर ने बताया कि उनके ब्रांच में एक महिला अपने एफडी तुड़वाकर पूरा पैसा खाते में जमा कर आरटीजीएस करने के आई हुई थी. आरटीजीएस वाउचर भरकर बैंक स्टाफ को दिया. जिसमें महिला ने असम का खाते का जिक्र किया था.
बड़ी राशि होने के कारण बैंक स्टाफ ने महिला से पूछताछ करने पर बताया कि महिला और उनके बेटे को डिजिटल अरेस्ट कर उनके नाम पर फोटो युक्त वारंट भेज गया था. जिसमें अलग-अलग फर्जी अधिकारी से उनकी बात कराई गई. जिससे डरकर महिला पैसा ट्रांसफर करने आई थी. बैंक स्टाफ की सूझबूझ से महिला लाखों रुपए की ठगी से बच गई- विनीत नायर,शाखा प्रबंधक, एसबीआई रिसाली ब्रांच
पुलिस की अपील : साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीकों से आम जनता से धोखाधड़ी करने की कोशिश करते हैं. कभी अनजान नंबर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सीबीआई या ईडी का अधिकारी बताकर ठगी करते हैं.तो कभी आपको ये भरोसा दिलाते हैं कि आपके फोन नंबर से अपराध हुआ है. ऐसे कॉल से सावधान रहे. अब ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके गिरफ्तारी का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाना शुरु किया है. पुलिस ने इस प्रकार के ठगी को रोकने के लिये थानों में आम जनता की रिपोर्ट और फोन नंबरों को गोपनीय रखा है.
- किसी भी लुभावने या सस्ती कीमतों पर मिलने वालों सामानों को खरीदते समय नकद (कैश, ऑन डिलीवरी) में लेन-देन करें.
- अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाइल पर सेव नही है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी,बैंकिग जानकारी,ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें.
- अनजान वेबसाइट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचे.
- कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दोगुना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहे खुद को ठगों के पास न पहुंचाएं.
- स्वयं की पहचान छिपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप के माध्यम से ईंटिमेट (अश्लील लाइव चैट) करने से बचें.
- वाट्सअप वीडियो कॉल में पुलिस या अधिकारी बनकर बात करने वालों की पूरी डिटेल मांगे.जिस थाने का वो जिक्र कर रहे हैं वहां कॉल करके एक बार इन्क्वॉयरी जरुर करें.
- परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने का झांसा देने वाले व्यक्तियों और खासकर 92 नम्बरों से होने वाले साइबर फ्रॉड की घटना घटित होने पर निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं.
- साइबर फ्राड होने पर तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें
- हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है http://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है.