पटना: लोकसभा चुनाव में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने सभा और सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार को जमकर घेरने का प्रयास किया है. इसी कड़ी में एक बार फिर उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी सरकार पर हमला बोला है.
महंगाई के मुद्दे पर घेरा:तेजस्वी यादव ने रोजगार एवं महंगाई के मुद्दे पर एक बार फिर से पीएम मोदी और सरकार को घेरने का प्रयास किया है. उन्होंने एक बार फिर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के माध्यम से केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
क्या लिखा तेजस्वी ने: तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि नौकरी पर मौन, बेरोजगारी पर मौन, महंगाई पर मौन, गरीबी पर मौन, पलायन पर मौन, किसानों पर मौन, बेटियों पर मौन, छात्रों पर मौन, शिक्षा पर मौन, मुद्दों पर मौन, पेपर लीक पर मौन, बिहार को विशेष राज्य के दर्ज़ा पर मौन, प्रधानमंत्री जी नकारात्मकता में इतने डूब चुके है कि विकास-निवेश और बिहार की बेहतरी के बारे में कभी कोई सकारात्मक बात नहीं करते? 𝟒𝟎 में से 𝟑𝟗 सांसद देने के बावजूद मोदी सरकार ने बिहार के लिए क्या किया? ये 𝟓 वर्ष में सिर्फ़ चुनाव में वोट लेने आते है, उसके बाद बिहार को दरकिनार कर देत है
तेजस्वी का मुद्दा: तेजस्वी यादव 2024 लोकसभा चुनाव में सिर्फ रोजगार के नाम पर लोगों से वोट मांग रहे हैं. अपने हर एक जनसभा में वह 17 महीने के कार्यकाल में 5 लाख नौकरी देने का मुद्दा उठा रहे हैं. उनको लग रहा है कि रोजगार के नाम पर नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार को घेरा जा सकता है. यही कारण है कि 24 लोकसभा चुनाव में तेजस्वी का मुख्य एजेंडा सिर्फ रोजगार रह गया है.
लालू काल को याद दिलाते पीएम:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी बिहार में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आते हैं तो उनके निशाने पर लालू प्रसाद यादव और उनका पूरा परिवार रहता है. बिहार के लोगों को लालू प्रसाद यादव के 15 वर्षों के शासनकाल को याद दिलाने का काम प्रधानमंत्री और बीजेपी के सभी बड़े नेता करते रहे हैं.
बिहार ने 10 साल का समय दियाः वहीं कल पटना एयरपोर्ट पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के लगातार बिहार दौरे और रात्रि विश्राम पर तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि लगातार बिहार आ रहे हैं, अच्छी बात है. लेकिन इनको चुनाव से पहले आना चाहिए. बिहार के लोगों ने इनको बहुत समय दिया. अब लेने की बारी है. यहां के लोग बिल्कुल समझ चुके हैं कि क्या हो रहा है. इनको समर्थन नहीं मिल रहा है, ये घबराए हुए हैं. इन लोगों को जो बिहार से उम्मीद थी वह उम्मीद पूरी नहीं रही है. एनडीए चुनाव हार रहा है.
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