पटना:बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादवएक बार फिर नई यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस यात्रा का एलान उन्होंने लोकसभा चुनाव के समय ही कर दिया था. माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीस कुमार राजद नेता के निशाने पर होंगे. विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक जनसमर्थन हासिल करने के उद्देश्य से तेजस्वी यादव ने जनता से संवाद करेंगे. 10 सितंबर से जन संवाद यात्रा पर समस्तीपुर के लिए रवाना होंगे.
10 सितंबर से तेजस्वी की यात्रा शुरू:प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव 10 सितंबर को समस्तीपुर से अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे. अपनी यात्रा की शुरुआत तेजस्वी यादव मिथिलांचल से शुरू कर रहे हैं. समस्तीपुर के बाद 12 और 13 सितंबर को दरभंगा में, 13 -14 को मधुबनी यात्रा का अगला पड़ाव होगा. जगदानंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव हर जिला में दो दिन रहेंगे.
अनुच्छेद 9 में शामिल हो आरक्षण कोटाः तेजस्वी यादव ने कहा कि दलित आदिवासी समाज के आरक्षण की सीमा को बढ़ाया और उसको 65% किया 10 फीसदी EWS का आरक्षण बरकरार रखा. कुल मिलाकर आरक्षण 75% किया गया. आरक्षण का मसाला अनुसूची 9 में शामिल करने को लेकर लगातार आरजेडी सरकार से मांग कर रही थी, लेकिन राजद के सांसद मनोज झा के सवाल पर केंद्र सरकार ने पूरा मामला राज्य सरकार पर फेंक दिया. बीजेपी के लोग नहीं चाहते कि दलित और पिछड़े लोगों उत्थान का हो सके.
जाति की गिनती क्यों जरूरी: आज भी समाज में भेदभाव हो रहा है. जाति के नाम पर लोगों को गाली दी जा रही है. दलित वर्ग के लोग शादी में घोड़ी पर नहीं चढ़ सकते मंदिर जाने से रोका जा रहा है. जब हम इन लोगों के हित की बात करते हैं तो उनके विरोधी आरोप लगाते हैं कि यह समाज को काम कर रहे हैं. सभी जाति के लोगों के टाइटल क्या राजद और लालू प्रसाद यादव ने लगवाया.
मानसिक गुलामी देने वालों को पीड़ा: तेजस्वी यादव ने कहा कि पेड़ों की गिनती हो रही है. पशु पक्षियों की गिनती हो रही है तो फिर लोगों की गिनती क्यों नहीं हो. सरकार में ही विलुप्त हो रही पशु और पक्षियों के शिकार पर रोक लगा दी है. इसी तरीके से गरीबों में को मदद हो जब तक इसकी गिनती नहीं होगी तब तक यह नहीं पता चलेगा. यही कारण था कि जब महागठबंधन की सरकार की तो देश में बिहार पहला राज्य बना जिसने जाति आधारित गणना की.