चंडीगढ़: हरियाणा में गठबंधन सरकार को बने करीब साढ़े चार साल का वक्त हो गया है. कैसा रहा गठबंधन सरकार का साढ़े चार साल का कार्यकाल? लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की क्या है तैयारी? हरियाणा सरकार का शिक्षा, पर्यटन और वन विभाग किस तरह से कर रहा काम? इन्हीं सभी सवालों का जवाब हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिया.
सवाल- लोकसभा और विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. आप बीजेपी की तैयारी को कैसे देखते हैं?
जवाब- चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी बहुत अच्छी है. प्रदेश के लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र में हम पन्ना प्रमुख सम्मेलन कर चुके हैं. संगठनात्मक दृष्टि से कोई भी पार्टी बीजेपी के सामने नहीं टिकती है. जहां तक बात काम की दृष्टि से है, तो हमारी सरकार ने पिछली सरकारों से तीन गुना ज्यादा काम किया है. इसके साथ ही जिस निष्पक्षता के साथ हमने काम किया. लोग भी उसकी सराहना करते हैं. लोग मानते हैं कि सरकार ने विकास कार्यों में कोई भेदभाव नहीं किया, तो ऐसे में स्वाभाविक है कि इसका लाभ हमें चुनाव में भी मिलेगा.
सवाल- चर्चा है कि बीजेपी नए चेहरों को बड़े स्तर पर मौका दे सकती है. पुराने चेहरों को दरकिनार कर सकती है. बीजेपी को विभिन्न राज्यों में इस तरह की कदम उठाने से सफलता भी मिली है. नए लोगों को मौका देना पार्टी के इस विचार को आप कैसे देखते हैं?
जवाब- पार्टी का ये अच्छा विचार अच्छा है, क्योंकि चुनाव जीतने के लिए लड़ जाता है. ऐसे में पार्टी को ये तो तय करना ही पड़ता है कि किसके पास कितनी ताकत है. लोगों में किसका संपर्क अच्छा है. मैं समझता हूं कि इस तरह के कदम उठाने में कोई हर्ज नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि एक ही व्यक्ति को हमेशा टिकट मिलता रहेगा. मैं मानता हूं कि अगर आज मैं एमएलए हूं, तो मैं अकेले अपनी वजह से तो नहीं हूं. मेरे साथ हजारों कार्यकर्ताओं ने काम किया, तभी मैं आज एमएलए हूं. ये मेरा सौभाग्य है कि मैं विधायक हूं. ऐसा नहीं है कि मेरे में ही योग्यता है किसी दूसरे की में योग्यता नहीं है. पार्टी सबको समान मानती है और उसे अगर लगता है कि किसी अन्य को टिकट देने से जीत हासिल हो सकती तो फिर पार्टी उम्मीदवार बदलती है.
सवाल- बीजेपी और जननायक जनता पार्टी के बीच क्या आने वाले चुनाव में गठबंधन हो पाएगा? हालांकि चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों की अपनी अपनी तैयारी चल रही है.
जवाब- हमने जब गठबंधन किया था, वो सरकार चलाने के लिए किया था. चुनाव लड़ने के लिए हमने गठबंधन नहीं किया था, लेकिन मान लिया जाए अगर भविष्य में कुछ ऐसा होता है, तो वो फिर हाईकमान का मामला है. उसमें हम कोई फैसला नहीं कर सकते हैं. अगर दोनों पार्टियों के हाई कमान कुछ तय करते हैं, तो वो फिर अलग बात है. अभी तक जो हमारा समझौता है. वो सरकार चलाने का है.
सवाल- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बीजेपी को इस बार हैट्रिक नहीं लगने देना चाह रही है. आप कांग्रेस और आप पार्टी में से किसको अपना सही और मजबूत प्रतिद्वंद्वी मानते हैं?
जवाब- आज की तारीख में अगर देखा जाए तो कांग्रेस हरियाणा में एक ऐसी पार्टी है, जो मैदान में दिखाई देती है. आम आदमी पार्टी का कोई आधार हरियाणा में नहीं है. मुख्य विपक्षी दल भी कांग्रेसी है, तो मुझे लगता है कि जो लड़ाई होगी. वह कांग्रेस के साथ ही होगी, लेकिन कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासन में जो काम किया, उसका उसे खामियाजा अभी भी भुगतना पड़ेगा. जिस तरह से कांग्रेस के दौर में विकास में पक्षपात होता था, और नौकरियों में भी, उसका उसे अभी भी खामियाजा उठाना पड़ेगा.
सवाल- कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी सरकार पर घोटाले भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दे पर आक्रामक रहती है. आपको लगता है कि ये मुद्दे हैं?
जवाब- मैं मानता हूं कि ऐसे कोई मुद्दे नहीं है. कई बार आरोप लगाने के लिए लगाए जाते हैं, खबर बनाने के लिए लगाए जाते हैं. बेरोजगारी का मुद्दा जिस तरीके से बार-बार उठाया जा रहा है. उसके कोई तथ्य नहीं है, उनके पास कोई प्रमाण नहीं है. अब वो किसी एक एजेंसी का डाटा उठा कर ले आते हैं. कभी वो एजेंसी बेरोजगारी दो प्रतिशत बताती है. तो कभी 32% दिखा देती है. उसमें सत्यता नाम की कोई चीज नहीं है. हमने अभी परिवार पहचान पत्र के जरिए जो डाटा इकट्ठा किया है. उसके मुताबिक हरियाणा में साढ़े 6 प्रतिशत के करीब बेरोजगारी है. जबकि उनका सर्वे बड़े-छोटे स्तर पर किया जाता है, उसका सैंपल साइज भी छोटा होता है. नौकरियां देने में भी हमने बेमिसाल काम किया है.
सवाल- बजट सत्र आने वाला है. क्या मान लें कि ये लोकलुभावन बजट होगा और आप अपने विभाग को लेकर क्या कहते हैं?
जवाब- अभी तक जो भी बजट पेश हुए हैं. मुख्यमंत्री ने उसको लेकर हर वर्ग से बातचीत की है. उन्होंने व्यापारी, उद्योग जगत से जुड़े लोग, जनप्रतिनिधियो से भी चर्चा की. किसानों से भी इसको लेकर चर्चा की. इसलिए आज तक जितने भी बजट आए हैं. उसमें किसी को भी आलोचना करने का मौका नहीं मिला. सब लोगों ने उनकी तारीफ की. मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बार भी इस तरह का खूबसूरत बजट पेश होगा.
बजट विकास की गति को बढ़ाने वाला होगा. कुछ लोगों को लगता है कि चुनाव आने वाले हैं, तो लोकलुभावन बजट होगा, लेकिन मेरा मानना है कि जनता को भी लोक लुभावना बजट नहीं चाहिए. मेरा मानना है कि जो प्रधानमंत्री ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, लोग भी चाहते हैं कि विकसित राष्ट्र बने. लोगों में इस बात की खुशी है कि आज दुनिया की पांच मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से हम एक हैं. दुनिया भी मान रही है कि 2027 तक तीन बड़ी आर्थिक शक्तियों में से एक भारत होगा. इसलिए मैं समझता हूं कि सरकार ऐसा बजट लेकर आएगी जो स्थायित्व दे, विकास की दर जिससे बढ़े.
सवाल- क्या आप मानते हैं कि जो कोरोना काल रहा और बीच में किसान आंदोलन भी हुआ, इससे विकास की गति पर असर पड़ा?
जवाब- ये स्वाभाविक सी बात है, उसका असर हुआ है. ये सिर्फ हरियाणा पर नहीं, पूरी दुनिया पर हुआ है. कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया. उसका नुकसान भी सारी दुनिया को उठाना पड़ा, लेकिन जिस बहादुरी के साथ उसका मुकाबला किया गया. जिस योग्यता के साथ सरकार ने उसका सामना किया. उसके बाद जिस तरह से सरकार और लोगों ने विकास को गति दी, वो काबिले तारीफ है. आज देश की विकास दर साढ़े सात प्रतिशत से ज्यादा है, जो मायने रखती है. इसको लेकर पूरी दुनिया अचंभित है कि भारत किस तरीके से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है.
सवाल- आपके पास सबसे अहम विभाग शिक्षा का है. शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे कौन से कार्य हैं, जो आपको लगता है कि जिसका अनुसरण दूसरे राज्य भी कर सकते हैं?
जवाब- ट्रांसफर पॉलिसी जो सरकार की है, हालांकि वो पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा के वक्त से है. लोगों ने उसकी तारीफ भी की और कई राज्य हैं. जिन्होंने उसे अपनाया भी. उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री भी हरियाणा आए थे. और वो ट्रांसफर पॉलिसी से काफी प्रभावित हुए. वो भी उसे अपने राज्य में लागू करना चाहते हैं, हालांकि उनका पहाड़ी क्षेत्र है. वो वहां की परिस्थितियों के हिसाब से उसे लागू करेंगे. हायर एजुकेशन को लेकर भी हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने नारा दिया कि कोई भी बेटी 20 किलोमीटर से ज्यादा शिक्षा ग्रहण करने के लिए सफर नहीं करेगी.