लखनऊ:मिलावटखोरी का खेल अब चायपत्ती तक पहुंच चुका है. अगर आपको यह पता चले कि जिस चाय को आप चुस्कियों के साथ पी रहे हैं, संभव है कि इसमें लोहे के कण मिले हो सकते हैं. यह खुलासा लखनऊ में हर मोहल्ले में पहुंच रही फूड सेफ्टी व्हील की लैब में जांच के दौरान हुआ है, जिसे आम लोगों ने अपने खाद्य पदार्थों में कराया है.
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा हर राज्य के जिलों को दी गई फूड सेफ्टी व्हील को अब जांच के लिए हर मोहल्लों में भेजा जा रहा है. इसकी शुरुआत लखनऊ में हो चुकी है, जो हर दिन एक मोहल्ले में जाकर आम लोगों को आमंत्रित कर रही है कि वो किसी भी खाद्य सामग्री को लेकर वैन में मौजूद लैब में जांच करवा सकते है. इसका परिणाम तुरंत लैब में मौजूद फूड अफसर दे देंगे. इसी के चलते बीते एक हफ्ते में लखनऊ में गली मोहल्लों में गई फूड सेफ्टी व्हील ने करीब 123 खाद्य सामग्री की जांच की है। जिसमें 30 नमूने अशुद्ध और विशुद्ध पाए गए है, जो काफी चौकाने वाला है.
इस एक हफ्ते में खाद्य सुरक्षा विभाग की फूड सेफ्टी व्हील राजधानी के जानकीपुरम, टेढ़ी पुलिया, कैंट और मोहनलाल गंज में आम लोगों के द्वारा लाए गए खाद्य नमूनों की जांच की जांच की थी. इस दौरान लैब में पेड़ा, बूंदी के लड्डू, चटनी, अरहद दाल, सौंफ, कालीमिर्च, जीरा, अचार समेत अन्य सामग्री जांच के लिए लाए गए थे जिसकी मौके पर मौजूद फूड सेफ्टी अधिकारियों ने जांच किया था.
चाय पत्ती में लोहे के कण
सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा चलाई जा रही फूड सेफ्टी व्हील ने उदयगंज कैट में चाय पत्ती की जांच की थी. इस दौरान जांच में सामने आया कि चाय पत्ती में लोहे के कण मौजूद थे. हालांकि चाय पत्ती को बगान से लाने के बाद प्रोसेसिंग करने के दौरान लोहे के बारीक कण आना सामान्य है, लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है। ऐसे में चायपत्ती को विस्तृत जांच के लिए भेजा गया है और पता लगाया जा रहा है कि इसमें कितना लोहे के कण थे.
लोहे के कण के दुष्परिणाम
फिजिशियन डॉक्टर अंकित शुक्ला कहते है कि, यदि चाय पत्ती में लोहे के कण पाए जा रहे है तो यह खतरे की घंटी हो सकती है. आमतौर पर लगभग हर वर्ग का व्यक्ति चाय पिता है और शायद ही उसे मालूम हो कि चाय पत्ती में लोहे के कण भी होते है. यह सेहत के लिए काफी नुकसान दायक है. इसे हेमोक्रोमैटोसिस का खतरा हो सकता है, जिससे व्यक्ति शरीर खाने से लोहे को ज्यादा मात्रा में अवशोषित करने लगता है, जिस कारण हार्ट, लीवर और अग्नाशय में आयरन अधिक मात्रा में जमा हो जाता है. इसकी वजह से लिवर और हार्ट से जुड़ी डिजीज और डायबिटीज का खतरा हो सकता है.
मिठाइयों और चटनी में खतरनाक रंग
सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप ने बताया कि, इस दौरान लोगों ने अपने घर से पेड़े, बूंदी और बेसन के लड्डू, दुकान से लाई गई चटनी, भी जांच करवाई थी. जांच में पाया गया कि अधिकांश इन सामग्रियों में कृत्रिम रंग की मिलावट पाई गई है जबकि यह सख्त हिदायत है कि, खाद्य सामग्री में कृत्रिम रंग नहीं मिलाया जाना चाहिए. बावजूद इसके खाद्य सामग्रियों में रंग मिला पाया गया.
कृत्रिम रंग के दुष्परिणाम
कृत्रिम रंग रासायनिक पदार्थ होते हैं, जो खाद्य सामग्रियों के रंग और दिखावट को खूबसूरती देते हैं. इससे एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर), एलर्जी या कैंसर हो सकता है जिससे बच्चे, बुजुर्ग और एलर्जी व कैंसर से पीड़ित लोग ज्यादा प्रभावित होते है.
खाद्य सुरक्षा की जांच के दौरान लोगों ने सब्जी मसालों की भी जांच करवाई जिसमें कालीमिर्च, जीरा और सौंफ भी शामिल थी. जांच में ये तीनों अशुद्ध पाए गए. सौंफ में जहां रंग की मिलावट पाई गई तो कालीमिर्ज और जीरा में गंदगी मिली थी. सहायक खाद्य आयुक्त के मुताबिक, खाद्य सामग्री में किसी भी प्रकार की मिलावट पाना एक अपराध है, और यदि उसमें गंदगी पाई जाती है तो यह गंभीर हो जाता है.
गंदगी से भरे मसालों के दुष्परिणाम
डॉक्टर अंकित शुक्ला बताते है, कि हर एक नागरिक का अधिकार है कि वो जो भी कुछ सामग्री खाए वह न ही मिलावटी हो और न ही गंदा लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि गली मोहल्लों की दुकानों में मिलने वाले अधिकांश सामग्री मिलावटी और गंदगी से भरे होते है. मसालों में गंदगी मिलना मानव स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है. गंदगी के छोटे छोटे कण लीवर और किडनी के लिए नुकसान दायक है.
रोजाना एक मोहल्ले में जाएगी फूड सेफ्टी व्हील
विजय प्रताप सिंह के मुताबिक, शहर में 28 जोन है और फूड सेफ्टी ऑन व्हील गाड़ी को रोजाना एक जोन में जाएगी। जहां कोई भी व्यक्ति इस लैब के पास अपनी कोई भी खाद्य सामग्री, जिसमें सब्जी मसाले, दूध, घी, तेल, पनीर, पैक्ड सामग्री लेकर आ सकेंगे और खाद्य सुरक्षा की टीम जांच कर 10 मिनट में नतीजा दे देंगे कि उनके द्वारा लाई गई सामग्री असली है या मिलावटी. अधिकारी ने बताया कि, सामग्री में मिलावट है या नही फौरी तौर पर आम लोग भी इसकी जांच कर सकते है.