लखनऊ : भाजपा सरकार अपने हार्डकोर हिंदुत्व और खोदाई के मुद्दे पर आक्रामक रहेगी. माना जा रहा है कि सीएम योगी का 2027 तक आक्रामक हिंदुत्व तेवर देखने को मिलेगा. वहीं भारतीय जनता पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि पार्टी और सरकार का यह रुख लगातार बना रहेगा. जबकि आरएसएस प्रमुख के बयान के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कुछ असर देखने को मिलेगा. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर भी भाजपा ने पलटवार किया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के बयान के बाद माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में कुछ असर देखने को मिलेगा. इस संबंध में मोहन भागवत ने बाकायदा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 'हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजना उचित नहीं होगा'. सूत्रों के मुताबिक, न केवल सरकार बल्कि संगठन को भी इस संबंध में सीधे दिशा निर्देश हैं कि वे ऐसे मंदिरों की तलाश करके बाकायदा उनका जीर्णोद्धार कर दर्शन भी शुरू कर दें. सूत्रों का कहना है कि निर्देश हैं कि पार्टी इस संबंध में 2027 तक पूरी तरह से आक्रामक रहे. इसके बाद में पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह से एग्रेसिव है.
बता दें कि संभल में बड़ी संख्या में मंदिरों के अवशेष मिले हैं. यहां बावड़ी, सीढ़ियां और सुरंग सब कुछ प्राप्त हो रहा है. कई जगह पूजा पाठ शुरू हो चुका है. इसके अलावा मुरादाबाद में भी इस तरह के निर्माण मिले हैं. कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय खुद ही घूम-घूमकर मंदिर तलाश रही हैं. लखनऊ में भी जांच शुरू हो चुकी है. यही नहीं अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, जिसको सरकार संगठन का पूरा समर्थन मिल रहा है.
इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि प्रदेश सरकार जनहित के लिए काम कर रही है. हमें अपनी संस्कृति और धरोहर हमेशा सहेजनी चाहिए. इसके लिए एक पूरा विभाग है, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया. वह जगह-जगह खुदाई करके अवशेषों को निकलता है और उनका बहुत सम्मान होता है. प्रदेश सरकार भी बस हमारी धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बयान देते हैं कि मुख्यमंत्री आवास के नीचे भी शिव मंदिर है. इस समय अखिलेश यादव को सपनों में शिवलिंग नजर आ रहा है. हो सकता है किसी दिन रात में जाकर उन्हें अपने पलंग के नीचे भी शिवलिंग ही नजर आ जाए.