अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के सुपरिटेंडेंट पारस जांगिड़ (ETV BHARAT UDAIPUR) उदयपुर. 28 जून, 2022 के दिन उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. आज इस बहुचर्चित हत्याकांड की दूसरी बरसी है. एक ओर कन्हैया का परिवार न्याय की आस लगाए बैठा है तो वहीं, हत्याकांड को अंजाम देने वाले हत्यारे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं. इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले हत्यारों को लेकर ईटीवी भारत ने अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के सुपरिटेंडेंट पारस जांगिड़ से बातचीत की, जिन्होंने कई बड़ी बातें बताई.
हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कन्हैया के हत्यारे :कन्हैयालाल की धारदार हथियार से तालिबानी तरीके से हत्या करने वाले रियाज और गौस मोहम्मद समेत 8 आरोपी फिलहाल अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं, जबकि एक आरोपी को जमानत मिल चुकी है. जेल सुपरिटेंडेंट पारस जांगिड़ ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद जब आरोपियों को हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर लाया गया तो आरोपियों को डर और भय लगता था. इसलिए आरोपी वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से पूछते थे, उन्हें फांसी कब होगी? अब इस मामले को दो साल बीत जाने के बाद आरोपियों को भी अहसास हो गया है कि इस मामले की पूरी सुनवाई होने के बाद फैसला आएगा. इसलिए अब उन्होंने यह सवाल पूछना बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों को अलग-अलग जेल की कोठरी में बंद रखा गया है. सीसीटीवी कैमरों के जरिए उन पर नजर रखी जाती है. साथ ही हर समय पुलिस का पहरा रहता है.
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आरोपियों को दी जाती हैं किताबें :जेल सुपरिटेंडेंट का कहना है कि आठ आरोपियों में से कुछ पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते थे, लेकिन पिछले 2 साल में उन्होंने यहां पढ़ना-लिखना सीखा है. इन सभी कैदियों को व्यस्त रखने के लिए किताबें दी जाती हैं. हालांकि, इनमें से कुछ आरोपी अपनी करतूत पर फूट-फूटकर रोते भी हैं, जबकि कुछ हत्यारों की बॉडी लैंग्वेज में अभी भी बदलाव नहीं आया है. उन्होंने बताया कि इन सभी लोगों को न्यायालय के फैसले का इंतजार है. दिनभर में सभी आरोपी 16 से 18 घंटे जेल के सलाखों में बंद रहते हैं. सुबह-शाम इन्हें बाहर निकाला जाता है.
जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि जेल में समय-समय पर इन आरोपियों के परिवार के लोग भी मिलने के लिए आते हैं. उन्होंने बताया कि इस जेल में सिर्फ हार्डकोर अपराधियों को रखा जाता है. अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कन्हैयालाल की हत्या करने वाले दोनों आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद किसी से बात नहीं करते हैं. वे जेल मीनू के अनुसार कुछ देर अपने बैरक से बाहर आते हैं. अधिकतर समय वे अपने बैरक में अकेले ही रहते हैं. अन्य 6 आरोपी भी कम ही मिलते जुलते हैं. आम तौर पर रियाज और गौस किसी जेल प्रहरी से भी बात नहीं करते हैं. जेल प्रशासन के द्वारा भी आरोपियों को पढ़ने के लिए देश भक्ति की पुस्तकें दी जाती हैं. हालांकि, ज्यादातर आरोपी पढ़ने में कम दिलचस्पी रखते हैं.
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ये था पूरा घटनाक्रम :उदयपुर में 28 जून, 2022 के दिन दिनदहाड़े कन्हैयालाल टेलर की तालिबानी तरीके से रियाज और गौस मोहम्मद ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. हत्या की वारदात का उन लोगों ने लाइव वीडियो भी बनाया था, जिसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया. इस हत्याकांड को अंजाम देकर आरोपी राजसमंद की तरफ भागे, जहां पुलिस ने उन्हें दबोच लिया था. उसके बाद इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई. फिलहाल इस मामले के तार पाकिस्तान से भी जुड़ते दिखाई दिए हैं. NIA की टीम ने इस मामले में दो पाकिस्तानी लोगों को भी आरोपी बनाया है. इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें से एक को जमानत मिल चुकी है. बाकी 8 लोग अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं.
हत्यारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 449, 302, 307 व 324 (34), 153 ए, 153 बी 295 ए और यूएपीए एक्ट की धारा 16,18 व 20 के तहत आतंकी गतिविधियों के आरोप में चालान पेश किया गया है. आरोपी रियाज अत्तारी, गौस मोहम्मद, आसिफ हुसैन, मोहसिन, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, मोहम्मद जावेद और मुस्लिम खान जेल में बंद हैं, जबकि फरहाद मोहम्मद नाम के आरोपी को जमानत मिल चुकी है. पाकिस्तान निवासी सलमान व अबू इब्राहिम को भी आरोपी बनाया गया है.