नई दिल्ली:दिल्ली में वायु प्रदूषण फिर से चर्चा का विषय बन हुआ है. राजनीतिक टीका-टिप्पणी शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर इस बाबत हमला बोला है. उन्होंने सुबह X पर लिखा, प्रदूषण आते ही सरकार नींद से जाग जाती है. शुरू हो जाता है “मीटिंग-मीटिंग” का खेल. करते रहिए मीटिंग मीटिंग, साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से कई सवाल भी किए है.
1. CP में 20 करोड़ रुपये की लागत से बना स्मॉग टावर, जिसका दुनिया में प्रचार हुआ वो बंद क्यों पड़ा है?
2. डस्ट पॉल्युशन चरम पर है, सड़कें टूटी फूटी हैं, इतने समय से सड़कें ऐसी हालत में क्यों छोड़ी? सड़क की मैकेनिकल स्विपिंग के वादे का क्या हुआ?
3. जिस पराली को गलाने वाले जादुई घोल का इतना प्रचार किया गया वो कहां गया?
4. कितनी प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरियों पर कार्रवाई की गई?
5. अपने निजी जश्न में जमकर पटाके फोड़े, अब जनता के लिए दिवाली पर पटाके बैन, आगे जाकर ऑड-ईवन जनता झेले, कंस्ट्रक्शन लेबर बेरोज़गार होगी, दिल्ली गैस चेंबर बनेगी.
तीन वर्ष पहले CP में लगा स्मॉग टावर :दिल्ली सरकार ने 3 वर्ष पहले कनॉट प्लेस के नजदीक 20 करोड़ रुपये की लागत से स्मॉग टावर लगाया. इसकी ऊंचाई 24 मीटर है. दावा किया गया कि ये 1 किमी दायरे में हवा साफ करेगा. उस समय मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ इस स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया था. तब उन्होंने कहा था कि प्रदूषण से लड़ने और दिल्ली की हवा साफ करने के लिए आज दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर लगाया जा रहा है.
मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन लगाने को मिली थी मंजूरी :ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने शहर की सड़कों को धूल मुक्त बनाने के लिए एक योजना को मंज़ूरी दी थी. इस योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन लगाई जानी थी. 60 फ़ुट से ज़्यादा चौड़ी और पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों की सफ़ाई विभाग द्वारा की जानी थी. इसका भी अता पता नहीं है.