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'डोनेशन के 7 दिन के अंदर शरीर में बन जाता है नया खून', पटना में राज्य के चिकित्सकों ने किया रक्तदान - Benefit Of Blood Donation - BENEFIT OF BLOOD DONATION

Blood Donation In Patna: बिहार के सर्जन चिकित्सकों ने पटना में रक्तदान किया. इस दौरान आईजीआइएमएस के अधीक्षक ने ब्लड डोनेशन के महत्व को बताया. उन्होंने बताया कि ब्लड डोनेशन के 7 दिन बाद शरीर में नया खून बन जाता है. पढ़ें पूरी खबर.

बिहार के सर्जन चिकित्सकों ने पटना में किया रक्तदान
बिहार के सर्जन चिकित्सकों ने पटना में किया रक्तदान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 16, 2024, 2:13 PM IST

बिहार के सर्जन चिकित्सकों ने पटना में किया रक्तदान (ETV Bharat)

पटनाःबिहार के पटना आईजीआइएमएस के ब्लड बैंक में ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया. शनिवार एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की ओर से यह राष्ट्रव्यापी ब्लड डोनेशन कैंप चलाया गया. प्रदेश भर के सर्जन चिकित्सकों ने आईजीआईएमएस में आकर ब्लड डोनेट किया और रक्तदान के महत्व को बताया. चिकित्सकों ने बताया कि सर्जरी के दौरान रक्त की उपलब्धता बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है. समय पर रक्त उपलब्ध होने से मरीजों की जान बचती है.

राज्य के चिकित्सकों ने किया रक्तदानः आईजीआईएमएस की अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया बिहार चैप्टर की ओर से यह ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया जा रहा है. अस्पताल में उनकी यूनिट की सभी चिकित्सकों ने आकर ब्लड डोनेट किया है. सभी चिकित्सक ब्लड डोनेट करेंगे. प्रदेश भर के सर्जन चिकित्सक ब्लड डोनेशन के लिए आ रहे हैं. उन्होंने इस दौरान रक्तदान के बारे में विशेष जानकारी दी.

"रक्तदान से किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं होती है बल्कि रक्तदान स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है. हम सभी सर्जन अपने प्रोफेशन में ट्रीटमेंट के दौरान ब्लड लेते हैं. लेकिन यह हम पहला मौका है कि सभी सर्जन ब्लड डोनेट कर रहे हैं ताकि जरूरतमंद को समय पर रक्त उपलब्ध हो सके. पूरे भारत में सर्जन आज ब्लड डोनेट कर रहे हैं और पटना में उनके संस्थान में उनके यहां हो रहा है क्योंकि वह इस कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी हैं. सबसे पहले उन्होंने ही आज रक्तदान किया है."-मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

7 दिन में दोबारा बन जाता है खूनः ब्लड डोनेट कर रहे डॉ तुषार पटेल ने कहा कि रक्तदान करेंगे तो जरूरतमंद को समय पर ब्लड उपलब्ध हो पाएगा. इससे शरीर में कोई कमजोरी महसूस नहीं होती है और एक यूनिट ब्लड एक बार में हम लोग डोनेट करते हैं तो इतना 7 दिन में शरीर में तैयार हो जाता है. हर 3 महीने में लोगों को एक बार ब्लड डोनेट करना चाहिए.

खून को बर्बाद होने से बचाएंः ब्लड डोनेशन कर रहे डॉ आशीष ने बताया कि जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो बॉडी को शॉक मिलता है और शरीर और ब्लड प्रोड्यूस करता है. ब्लड डोनेशन करने से हृदय घात और हाई ब्लड प्रेशर की संभावना कई गुना कम होती है. जो नियमित अंतराल पर रक्तदान करते हैं उनका सेहत दूसरों की तुलना में बेहतर होता है और शरीर में एक निश्चित मात्रा में ब्लड बनने के बाद ब्लड का अपने आप क्षरण होता है और फिर नया ब्ल्ड तैयार होता है. हम ब्लड डोनेट करके बेवजह शरीर में ब्लड बर्बाद होने से बचा सकते हैं.

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