पटना: सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद जेडीयू के विधान पार्षद राधाचरण साह के बेटे कन्हैया कुमार ने पीएमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने के बाद उन्हें बेऊर जेल भेज दिया गया है. वह अवैध बालू उत्खनन मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई चल रही है.
बेल खारिज होने के बाद करना पड़ा सरेंडर: कन्हैया कुमार को पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी लेकिन जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए कन्हैया कुमार की जमानत को रद्द कर दिया. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कन्हैया ने सरेंडर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 45 का हवाला देते हुए कन्हैया को 7 दिनों के अंदर सरेंडर करने को कहा था.
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पहले भी हुई थी गिरफ्तारी: प्रवर्तन निदेशालय ने 18 सितंबर 2024 को अवैध बालू उत्खनन और मनी लांड्रिंग के मामले में कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था. कन्हैया कुमार ने मनाली में स्कूल और रिसॉर्ट में पैसे इन्वेस्ट किए थे. आरोप है कि हवाला के जरिए 17 करोड़ 26 लाख से अधिक कार्यक्रम भेजा गया था. छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को कई तरह के कागजात मिले थे.
जमानत पर हैं राधाचरण साह: मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद राधाचरण साह उर्फ राधाचरण सेठ को भी सितंबर 2023 में गिरफ्तार किया था लेकिन जुलाई 2024 में उनको पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. फिलहाल वह जेल से बाहर हैं.
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